-हाईकोर्ट के आदेश की हो रही है अवहेलना
एजेंसी / इस्लामाबाद
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने अहमदी समुदाय के एक पूजा स्थल के मेहराब को नष्ट कर दिया। इससे पहले १९८४ से पहले बने अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने को लेकर लौहार हाईकोर्ट आदेश दे चुका है, इसके बावजूद यह कार्रवाईयां जारी हैं। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी अमीर महमूद ने बताया कि लाहौर पुलिस ने शाहदरा टाउन में सड़क को दोनों ओर से अवरुद्ध कर दिया और वहां एक पूजा स्थल के मेहराब को ध्वस्त करने के लिए श्रमिकों को तैनात किया। उन्होंने कहा कि लगभग २० पुलिसकर्मी लाहौर के शाहदरा टाउन में अहमदिया पूजा स्थल पर पहुंचे और मांग की कि अहमदी स्वयं वहां के मेहराबों को ध्वस्त कर दें या पुलिस ऐसा करेगी।
अमीर महमूद ने कहा कि हमने पुलिस को लाहौर उच्च न्यायालय के पैâसले के बारे में सूचित किया कि अहमदी समुदाय के पूजा स्थल, जो १९८४ के कानून से पहले बनाए गए थे, उन्हें ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए या उनमें बदलाव नहीं किया जाना चाहिए।
पुलिस के अनुसार, शहर के अहमदी समुदाय को पूजा स्थलों के मेहराब को ध्वस्त करने के लिए कहा गया था क्योंकि इससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही थी। पुलिस ने कहा कि अनुपालन न करने पर मेहराब को ध्वस्त कर दिया गया। बता दें कि अगस्त में देश में १० अहमदी पूजा स्थलों पर हमला हुआ, जिसमें या तो उनकी मीनारें, मेहराब या पवित्र लेख ध्वस्त कर दिए गए या हटा दिए गए। अहमदी समुदाय का कहना है कि पुलिस के लिए अल्पसंख्यक समुदाय पर उनकी सुरक्षा करने के बजाय उनके पूजा स्थलों को अपवित्र करने के लिए दबाव डालना आम बात हो गई है। उनका कहना है कि पुलिस की कार्रवाई से चरमपंथी तत्वों की मंशा पूरी होती है।