सन २००० में ‘फेमिना मिस इंडिया ब्यूटी कॉम्पिटिशन’ की रनर अप संध्या शेट्टी पुलिस या आर्मी में जाकर देश की सेवा करना चाहती थीं। लेकिन मॉडलिंग के साथ ही उन्होंने मार्शल आर्ट सीखा और जल्द ही कराटे चैंपियन बन गई। प्रियदर्शन निर्देशित ‘कोरोना पेपर्स’ और वेब शो ‘धारावी बैंक’ में सुनील शेट्टी की बेटी का किरदार निभानेवाली संध्या की सरहाना ‘नो फियर’ अभियान के लिए होती है। पेश है, संध्या शेट्टी से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
• सबसे पहले तो आप हमें अपने अभियान के बारे में बताएं?
हम सभी का करियर दसवीं या बारहवीं के समय पक्का होता है। करियर भी हम वही चुनते हैं जो हमारे अपनों की पसंद होते हैं। कई बार हम शादी जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी डर से लेते हैं। मैं चाहती हूं कि महिलाएं बिना डर के जिएं। अक्सर लड़कियों को उनकी सुंदरता के लिए कॉम्प्लिमेंट मिलते हैं लेकिन क्या कभी उन्हें किसी ने कॉम्प्लिमेंट दिया कि तुम स्ट्रॉन्ग हो। नहीं न! इसलिए मैंने इसे अपना मिशन बनाया और इसके तहत वुमन एम्पॉवरमेंट, सेल्फ एंड्यूरेंस, सेल्फ अवेयरनेस शामिल किया। कई कॉर्पोरेट, एनजीओ को इसके साथ जोड़ा। महिलाओं को बेखौफ जिंदगी जीने का पूरा हक है।
• अपना करियर चुनने के प्रति डर क्यों होता है?
सभी को अपने खुद के चॉइसेज पर कोई भरोसा नहीं होता। हम लोग करियर में एक या दो से अधिक विकल्प क्यों नहीं रखते? अगर मैं मॉडल हूं तो इस विकल्प के साथ फैशन डिजायनिंग, फैब्रिक पेंटिंग या गार्डनिंग, शेफ ऐसे अन्य विकल्प क्यों नहीं हो सकते? अगर एक करियर ऑप्शन फेल हुआ तो दूसरा ऑप्शन आपके लिए जरूर काम करेगा। मेहनत न करने की हमारी मानसिकता ही हमें सही करियर में सेटल नहीं कराती। निशाना एक जगह न लगे तो और कोशिश करते रहना चाहिए जब तक तीर निशाने पर न लगे। बढ़ते कॉम्पिटिशन में करियर के मल्टिपल ऑप्शंस निहायत जरूरी हैं।
• क्या है आपके मन के डर?
सच तो यही है कि मैं फियरलेस हूं। मेरे मन में ऐसा कोई डर नहीं है। हां, अगर एक ऐसे फोबिया की मैं बात करूं तो वॉटर फोबिया मेरे मन में था, बचपन में मेरा स्विमिंग सीखना रह गया। आगे चलकर जब मेरी साथी मॉडल्स पानी में उतरकर एन्जॉय करने लगीं तो मुझे भी लगा कि मुझे स्विमिंग सीख लेना चाहिए था। खैर, मैंने स्विमिंग सीखी और काफी हद तक मेरे दिल में पानी के प्रति जो घबराहट थी वो निकल गई लेकिन आज भी मैं डायविंग करने से बचती हूं, किनारे-किनारे स्विम कर लेती हूं।
• आप एक साथ कई काम कैसे कर लेती हैं?
जैसा कि मैंने कहा कि हम में से अधिकतर लोगों के पास एक से ज्यादा स्किल्स होती है, जिसके प्रति हम गंभीर नहीं होते या अपनी इन स्किल्स को हम खूबी, करियर ऑप्शन नहीं मानते। मुझे जब जैसे मौका मिला, मैंने प्रस्ताव ठीक लगने पर उसे स्वीकारा। जैसा कि मैंने बताया कि पुलिस और आर्मी में मेरी करियर बनाने की चाह थी। २६ जनवरी को दिल्ली में होनेवाली परेड की बाकायदा मैंने ट्रेनिंग भी ली, सिलेक्शन भी हुआ लेकिन दोस्तों ने ‘मिस इंडिया’ का फॉर्म भर दिया। मेरे पैरेंट्स का आशीर्वाद है जो मुझे हर क्षेत्र में कामयाबी मिली।
• प्रियदर्शन की फिल्म ‘कोरोना पेपर्स’ में ऐसा क्या था जो आपको चुनौतीपूर्ण लगा?
जैसा कि मैंने बताया कि मैं कभी पुलिस अफसर या मिलिट्री ऑफिसर बनना चाहती थी लेकिन पुलिस अफसर बनने का सपना आगे नहीं बढ़ सका। लेकिन जब प्रियदर्शन की फिल्म ‘कोरोना पेपर्स’ में मुझे पुलिस ऑफिसर बनने का मौका मिला तो मैंने उसे स्वीकार कर लिया। मेरा सपना इस किरदार ने पूरा किया इसलिए मेरे लिए यह स्पेशल है।
• अक्सर मॉडल्स को सुसाइड करते देखा गया है। इसकी क्या वजह हो सकती है?
कई मॉडल्स के बीच किसी मॉडल ने आत्महत्या की होगी। उस आत्महत्या के पीछे असफल प्यार, ब्रोकन रिलेशनशिप जैसी वजहें देखी गई हैं। ऐसे टूटे रिश्ते इस दौर में अक्सर देखे जाते हैं। यह इत्तफाक की बात है कि वो लड़की मॉडलिंग फिल्ड से होती है। ब्रोकन रिलेशनशिप किसी अन्य प्रोफेशन में भी हो सकता है लेकिन अभिनय और मॉडलिंग फील्ड के शख्स सेलेब्रिटी होते हैं इसलिए उंगली उठाना आसान होता है। यह कहकर तिल का ताड़ बना दिया जाता है कि उम्र ढलने पर मॉडल्स को काम नहीं मिलता और वे कुंठा का शिकार होती हैं, जबकि ऐसा नहीं होता, सीनियर मॉडल्स फिटनेस क्षेत्र, मर्चेंडाइज जैसे कई प्रोफेशन में खुद को इन्वॉल्व कर सकती हैं। उम्र का बढ़ना एक नॉर्मल फिनॉमिना है। बढ़ती उम्र में जो अनुभव का भंडार प्राप्त होता है क्या हमारी मानसिकता उस ओर ध्यान देगी? आत्महत्या सिर्फ मॉडल्स करती हैं यह एक गलत सोच है।