सामना संवाददाता / मुंबई
दादर के ८० साल पुराने हनुमान मंदिर को लेकर भाजपा और प्रशासन को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और सांसद संजय राऊत ने कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर मजदूरों और हमालों ने बनाया है। इसे हाथ लगाना तो दूर, सोचना भी मत। अगर मंदिर को हाथ लगाया तो हम दिखा देंगे कि शिवसेना का हिंदुत्व क्या है। ऐसी कड़ी चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार को दी।
कल दादर के हनुमान मंदिर में शिवसेना नेता और युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने महाआरती का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में शिवसैनिक मौजूद थे। आदित्य ठाकरे और सांसद संजय राऊत ने इस मंदिर में महाआरती आयोजित करने की घोषणा के बाद ही रेलवे प्रशासन ने मंदिर को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी। पत्रकारों से बात करते हुए संजय राऊत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मंदिर ८० साल पुराना है। इसे हटाने का सवाल ही नहीं उठता। शिवसेना का हिंदुत्व दिखावे का नहीं, कर्म का है। अगर किसी ने इस मंदिर को हाथ लगाने की कोशिश की, तो उसे शिवसेना का असली हिंदुत्व देखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुत्व शिवसेना के खून में है और इसे कोई चुनौती नहीं दे सकता।
संजय राऊत ने कहा कि देश में महाआरती की शुरुआत शिवसेना ने की थी। १९९० में अयोध्या आंदोलन के समय हमने मुंबई और महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में महाआरती की। इसकी संकल्पना हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की थी और आज भी इस परंपरा को जारी रखा गया है।
अंजाम भुगतना होगा
संजय राऊत ने ट्विटर पर लिखा कि जय बजरंग बली, तोड़ दे गद्दारों की नली! ठाकरे है तो मुमकिन है!! उन्होंने आगे कहा, ‘दादर रेलवे प्लेटफॉर्म १२ के पास स्थित ८० साल पुराने इस मंदिर पर कार्रवाई अब रोक दी गई है। हमालों द्वारा बनाए गए इस मंदिर को हाथ लगाने का अंजाम भुगतना होगा। संजय राऊत ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हिंदुत्व पर बातें करनेवालों के दिमाग में सड़े हुए आलू और प्याज भरे हैं। हिंदुत्व को बीजेपी ने नहीं सिखाया, बल्कि बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें इस रास्ते पर चलना सिखाया था।
बीजेपी समस्याओं को हल नहीं कर सकती
संजय राऊत ने महायुति सरकार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में रोज हत्या, लूट और बलात्कार हो रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नागपुर में विजय रैली निकालने में व्यस्त हैं। राज्य में गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री नहीं हैं। यह वैâसा प्रशासन है? दिल्ली जाकर मंत्री तय करनेवाली बीजेपी राज्य की समस्याओं को हल नहीं कर सकती। संजय राऊत ने आगे कहा कि महायुति सरकार के तीन दलों में समन्वय की कमी है। अजीत पवार खुद असमंजस में हैं। ऐसे हालात में राज्य का नुकसान होना तय है। सत्र के दौरान कोई बड़ा खुलासा हो सकता है।