मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकी वलीद ने स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा आतंकी हमला करने के लिए मुरादाबाद निवासी अहमद रजा को मैसेज भेजा था। वलीद के इशारे पर अहमद रजा और उसके साथी हथियारों और गोला-बारूद का इंतजाम कर रहे थे। अहमद ने इसके लिए यूएस निर्मित ऑटोमेटिक पिस्टल खरीद ली थी। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों को उनके मंसूबे की भनक लग गई, जिसके बाद एटीएस ने अहमद रजा और कश्मीर निवासी फिरदौस को दबोच लिया। स्वतंत्रता दिवस पर आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों द्वारा यूपी में आतंकी हमले की साजिश रचने का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। एनआईए की मदद से एटीएस कश्मीर के अनंतनाग में जैश और हिजबुल के नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। जांच में सामने आया है कि पाकिस्तानी आतंकी वलीद कई सालों से अपना नेटवर्क तैयार कर रहा है।
उसके अहमद रजा जैसे तमाम युवाओं के संपर्क में होने का खुलासा होने के बाद एनआईए की मदद से उसे दबोचने की कवायद तेज कर दी गई है। एटीएस की गिरफ्त में आया हिजबुल आतंकी फिरदौस भी इसी नेटवर्क का हिस्सा है। दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन बीते कई सालों से जुड़कर देश भर में सुरक्षा बलों के ठिकानों पर आतंकी हमले करने की योजना बना रहे हैं। बीते कुछ सालों में इन आतंकी संगठनों की सक्रियता यूपी में भी बढ़ी है।
बता दें कि एटीएस की गिरफ्त में आया हिजबुल आतंकी फिरदौस जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह रिमांड पर पूछताछ के दौरान अधिकारियों को लगातार गुमराह कर रहा है। एटीएस के अलावा एनआईए के अधिकारी भी उससे आतंकी संगठनों के मकसद का पता लगाने में जुटे हैं। जांच में अहमद रजा और फिरदौस का पश्चिमी यूपी के कई अन्य युवाओं के साथ संपर्क होने का प्रमाण मिलने पर एजेंसियों की मुश्किल बढ़ गई है। स्वतंत्रता दिवस पर आतंकी हमले की साजिश के मद्देनजर उनकी तेजी से तलाश की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया एजेंसियों को भरोसा है कि इस नेटवर्क से जुड़े और लोग भी जल्द ही उनके शिकंजे में होंगे।
मुरादाबाद निवासी हिजबुल के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा के घर से शनिवार को यूएस मेड पिस्टल और मैगजीन बरामद होने के बाद उसके खिलाफ दर्ज मुकदमे में आर्म्स एक्ट की धारा बढ़ा दी गई है। यह पिस्टल उसने कहां से खरीदी थी, इसका खुलासा अभी एटीएस ने नहीं किया है। एटीएस उसे भी फिरदौस के साथ अनंतनाग ले जाने की तैयारी में है, ताकि जिस जगह उसे हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई, उसे चिन्हित किया जा सके। गौरतलब हो कि जैश ने कुछ साल पहले वलीद नामक एक और आतंकी को कश्मीर भेजा था, जो मुस्लिम युवाओं को गुमराह करके आतंकी बनाने और आतंकी संगठनों के लिए फंडिंग जुटाने का काम करता था। उसे सुरक्षा बलों ने वर्ष २०२० में कुलगाम जिले में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके साथी मुनीब को फरवरी, २०२१ में कतर से निर्वासित करके लाया गया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर गिरफ्तार होने के बाद उसने बताया था कि जैश के इशारे पर वलीद फंडिंग जुटाकर कतर भेजता था।