सामना संवाददाता / मुंबई
एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। खबर है कि उनकी आंखें गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। उन्होंने यह भी बताया है कि कॉन्टैक्ट लेंस लगाने की वजह से उनकी आंखें घायल हुई हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि कॉन्टैक्ट लेंस की वजह से उन्हें दिखना भी बंद हो गया। इस बीच चिकित्सकों ने कहा है कि मानसून में कॉन्टैक्ट लेंस पहनना आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसका ताजा उदाहरण नायिका के साथ हुई घटना है। ऐसे में इस मौसम में लेंस लगाने से बचना चाहिए।
जानकारी के अनुसार, अभिनेत्री जैस्मीन १७ जुलाई को एक इवेंट के लिए दिल्ली में थीं। उस समय वे तैयार होते-होते समय लेंस लगा लिया था। लेंस लगाते ही आंखों में जलन होने लगी। हालांकि, इवेंट के कारण वे डॉक्टर के पास नहीं जा सकीं। वे कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब डॉक्टर के पास गईं तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा है कि जब मैंने लेंस लगाया तो मेरी आंखों में जलन और दर्द होने लगा। इसके साथ ही थोड़ी देर बाद मुझे दिखना बंद हो गया। कार्यक्रम के बाद मैं डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने बताया कि आंख का कॉर्निया डैमेज हो गया है। इसके बाद आंखों पर पट्टी बांध दी गई।
रोजाना ५० मरीज पहुंच रहे अस्पताल
डॉ. शशि कपूर ने कहा कि मानसून में आंखों लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि यह मौसम जितना सुहाना लगता है, उतना ही आंखों और शरीर के लिए खतरनाक भी है। मानसून में किसी को भी कॉन्टैक्ट लेंस नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह अंधा कर सकता है। उन्होंने कहा कि मुंबई में मानसून में आंखों में इंफेक्शन से संबंधित करीब २०० मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें २५ फीसदी यानी ५० मरीज कॉन्टैक्ट लेंस से जुड़ी समस्याओं को लेकर इलाज कराने के लिए चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।
इनफेक्शन होने का रहता है खतरा
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. शशि कपूर ने कहा कि मानसून में कई वायरस, बैक्टीरिया और अन्य संक्रमणों के संपर्क में आने का जोखिम किसी भी अन्य मौसम की तुलना में दो गुना ज्यादा होता है। हवा में मौजूद नमी ज्यादा हानिकारक बैक्टीरिया फैलाती है, जिसके चलते आई फ्लू समेत कई बीमारियां होती हैं। अगर बारिश में हम कॉन्टैक्ट लेंस इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आंखों में इनेफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। कई मामलों में तो कार्निया तक के ट्रांसप्लांट की नौबत आती है।