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जयंत चौधरी ने भाजपा के अफवाह गैंग को जड़ा जोरदार तमाचा, बोले-हम इंडिया का हिस्सा हैं, मुंबई में इंडिया के बैठक में होंगे शामिल!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बीजेपी और आरएलडी के बीच बढ़ती नजदीकियों के अफवाह पर जयंत चौधरी ने विराम लगा दिया। उनके इस वक्तव्य से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा विरोधी लोगों और इंडिया घटक के दलों में नई ऊर्जा का संचार हो गया। पटना में विपक्षी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में न पहुंच पाने और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर वोटिंग के दौरान चौधरी के गैरहाजिर रहने से उन्हें बीजेपी से निकट होने का दावा होने लगा था। चूंकि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया था, इसमें निजी कारणों के चलते जयंत चौधरी नहीं शामिल हो सके थे। इसके तुरंत बाद भाजपा दुष्प्रचार तंत्र सक्रिय हो गया था। रविवार को आरएलडी अध्यक्ष और राज्य सभा के सांसद जयंत चौधरी ने इस तरह की चर्चा पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि वे इंडिया गठबंधन में हैं और रहेंगे। बीजेपी के साथ गठबंधन की खबरें को उन्होंने मीडिया की मनगढ़ंत कहानी बताया। दिल्ली के इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की एक बैठक के दौरान उठे सवालों के जवाब में जयंत चौधरी ने ऐसा कहा। उन्होंने ये भी कहा कि मुंबई में विपक्षी एकता की होने वाली बैठक में भी वे शामिल होंगे।
आरएलडी नेता जयंत चौधरी को लेकर इन दिनों तरह-तरह की खबरें आती रही हैं। पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक में वे गैर हाजिर रहे थे। उन्होंने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिख कर कहा था कि विदेश में रहने के कारण वे नहीं आ पा रहे हैं। हाल में ही दिल्ली में अफसरों के तबादले को लेकर राज्य सभा में लाए गए केंद्र सरकार के बिल के वोटिंग में भी वे मौजूद नहीं रहे। इसके बाद तो उनकी बीजेपी के साथ दोस्ती की चर्चा और तेज हो गई। विवाद बढ़ा तो आरएलडी की तरफ से सफाई आई कि जयंत चौधरी की पत्नी चारू चौधरी अस्पताल में थीं, इसीलिए जयंत वोटिंग के दौरान संसद में हाजिर नहीं हो पाए। इस संदर्भ में जयंत चौधरी से पूछे बिना कुछ लोगों ने बीजेपी के साथ गठबंधन वाली खबरों को हवा दे दी थी। सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा था कि इन दिनों अखिलेश यादव से उनके रिश्ते खट्टे-मीठे वाले हो गए हैं। पश्चिमी यूपी के कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने रविवार क इंडियन इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें कुछ रिटायर्ड जज,डॉक्टर, वकील और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता भी मौजूद रहे।
मीटिंग में जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र की बहुमत वाली सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं और आदर्शों की गला घोंट रही है। हर बात को हिंदू मुस्लिम एंगल दे दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ये सरकार बहुत जल्दबाजी में है। जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, मोदी सरकार सब कुछ बदल देने के मूड में है। राजद्रोह कानून खत्म करने के नाम पर उसके लिए अलग से व्यवस्था कर दी गई है। सांप्रदायिक ध्रुवीकरण चरम पर है। ये हमारे देश की मूल आत्मा नहीं है। ऐसे में जयंत चौधरी ने बुद्धिजीवियों से आगे आकर माहौल को बदलने की अपील की। जयंत चौधरी ने मणिपुर के मुद्दे पर मोदी सरकार पर सच छुपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि राज्य सभा में भी इस पर बहस हो। जयंत ने कहा कि वे तो नूंह से लेकर ट्रेन में हुई बेगुनाहों की हत्या पर भी बहस चाहते थे। जयंत ने आरोप लगाया कि बीजेपी की नीतियों के कारण देश का समाज दो हिस्सों में बंट गया है। पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोक दल का अच्छा खासा प्रभाव है। उनके इशारे पर जाट वोटरों का एक तबका वोट करता रहा है। बीजेपी के कुछ नेता चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव के लिए आरएलडी से गठबंधन हो जाए। यूपी में इसी क्षेत्र से आरएलडी के 9 विधायक हैं।
सोशल मीडिया को लेकर जयंत चौधरी ने कुछ रोचक अनुभव भी बताये। उन्होंने कहा कि वे कभी भी मोबाइल फोन से ट्वीट नहीं करते हैं। जयंत चौधरी ने बताया कि कुछ खबरें देख कर उन्हें बहुत गुस्सा आता है। उनका मन करता है कि वे जवाब देने के लिए या फिर अपनी बात रखने के लिए ट्वीट करें, पर वे कभी भी ऐसा नहीं करते हैं। उनका कहना है कि गुस्से में अर्थ का अनर्थ हो सकता है। इसीलिए वे हमेशा डेस्क टॉप या फिर लैंप टॉप पर लॉगइन कर ही ट्वीट करते हैं। जयंत ने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी को ब्लॉक नहीं किया, भले ही उन्हें गाली क्यों न दी जाये। जयंत ने बताया ऐसा करने से कम से कम लोग अपनी भड़ास तो निकाल लेते हैं।

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