डाॅ. बालकृष्ण मिश्र
गुरुजी, मेरी शादी कब तक होगी कुंडली में क्या दोष है, उपाय बताएं? -अरविंद सिंह
(जन्मतिथि- २१ फरवरी १९९८, समय- सुबह ०९.४५ बजे, स्थान- कांदिवली, मुंबई)
अरविंद जी, आपका जन्म मीन लग्न एवं वृश्चिक राशि में हुआ है। आपकी कुंडली में मंगल भाग्येश हो करके बारहवें भाव में बैठा है। अत: आपकी कुंडली मांगलिक है, जिससे विवाह में विलंब हो रहा है। मंगलचंडिका स्त्रोत का पाठ कराएं, अनुकूल जीवन साथी प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। चंद्रमा आपकी कुंडली में पंचमेश होकर के नीच राशि का है तथा लग्नेश भी अस्त होकर बारहवें भाव में बैठा है। इन दोनों ग्रहों को बल देना आवश्यक होगा। यदि ऐसा करते हैं तो वर्ष २०२३-२४ तक शादी हो सकती है। जीवन के बारे में अधिक जानकारी के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण भी बनवाना आवश्यक होगा। बृहस्पति को ताकतवर बनाने के लिए आपको यूट्यूब के माध्यम से विष्णु सहस्रनाम का पाठ सुनना चाहिए। यदि प्रतिदिन सुनें तो बृहस्पति की स्थिति आपके लिए अनुकूल होगी।
गुरुजी, मेरी राशि क्या है? क्या कुंडली में मंगल दोष है?
-सुनील चौहान
(जन्मतिथि- १० जुलाई १९९३, समय- रात्रि ९.५९ बजे, स्थान- भदोही उत्तर प्रदेश)
सुनील जी, आपका जन्म कुंभ लग्न एवं मीन राशि में हुआ है। आपके लग्न भाव का स्वामी शनि स्वगृही है। इस कारण आपका आत्मबल बहुत ही ठीक होगा लेकिन पंचम भाव का स्वामी बुध अस्त होकर के छठे भाव में बैठा है। आप अपनी बौद्धिक क्षमता का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं कर पाते होंगे। आपकी कुंडली मांगलिक है। विवाह करने से पहले मांगलिक पूजन कराना आवश्यक होगा, नहीं तो दांपत्य जीवन में किसी-न-किसी प्रकार की असुविधा प्राप्त होगी। जीवन के विभिन्न रहस्यों को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
गुरुजी, शिक्षा में रुकावट हो रही है, किस प्रकार सुधार किया जाए? -भूपेंद्र सिंह
(जन्मतिथि- ६ अक्टूबर १९९८, समय- सुबह ९.५६ बजे, स्थान- जोगेश्वरी, मुंबई)
भूपेंद्र जी, आपका जन्म तुला लग्न एवं मीन राशि में हुआ है। लग्नेश शुक्र नीच राशि का है एवं शिक्षा का विचार पांचवें दृष्टि से देखा जाता है। पांचवें स्थान का स्वामी शनि भी नीच राशि का है तथा भाग्य भाव का स्वामी भी बुध नीच राशि का है। इससे शिक्षा में किसी-न-किसी प्रकार की असुविधा जरूर होगी। आगे के भविष्य को सुगम एवं सरल बनाने के लिए तथा शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए गणपति स्त्रोत का पाठ करें, साथ ही गणपति जी को केला एवं दूर्वा अर्पित करें। संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं, जीवन को प्रशस्त करने के लिए शास्त्र विधि के आधार पर उपाय करें तो आपके लिए हितकारी होगा।
गुरुजी, क्या कुंडली मांगलिक है। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। उपाय बताएं? -शिवराज सिंह
(जन्मतिथि-१६ सितंबर १९९५, समय- सुबह ९.५८ बजे, स्थान-कांदिवली, मुंबई)
शिव जी, आपका जन्म तुला लग्न एवं वृष राशि में हुआ है। आपकी कुंडली में सप्तमेश मंगल के साथ राहु बैठकर कुंडली को मांगलिक बना दिया है। वैसे शास्त्र में यह कहा गया है कि मंगल राहु के संयोग से अंगारक योग भी बन रहा है। आठ मंगलवार लाल मसूर दाल एक किलो किसी सफाई कर्मचारी को देना चाहिए। साथ ही अंगारक योग की पूजा एवं मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ जीवन में कराना आवश्यक होगा, नहीं तो आपका स्वास्थ्य एवं दांपत्य जीवन दोनों प्रभावित रहेगा। जीवन की संपूर्ण गहराई को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरुजी, मेरी राशि क्या है क्या मेरी कुंडली में मंगल दोष है? -अर्चना पटेल
(जन्मतिथि-२१ जुलाई १९९९, समय- दोपहर १२.३५ बजे, स्थान- इलाहाबाद, उ.प्र.)
अर्चना जी, आपका जन्म तुला लग्न एवं तुला राशि में हुआ है। आपकी राशि पर शनि देव की ढैया चल रही है। आपकी कुंडली में सप्तमेश मंगल के साथ चंद्र लग्न में बैठकर आपकी कुंडली को मांगलिक बना रहा है। विवाह से पहले मांगलिक दोष पर विचार करना आवश्यक होगा नहीं तो दांपत्य जीवन में असुविधा भी प्राप्त होगी। जीवन की संपूर्ण गहराई को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण भी बनवाना आपके लिए आवश्यक होगा।
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