डाॅ. बालकृष्ण मिश्र
गुरु जी, मैं बहुत परेशान हूं। अभी तक मेरी शादी भी नहीं हुई है और मैं व्यापार करना चाहता हूं, क्या करूं?
– रामप्रकाश
(जन्म- २० दिसंबर १९८३, समय- ८:०५ प्रात:, स्थान- प्रतापगढ़, उ.प्र.)
रामप्रकाश जी, आपने अपना डिटेल तो ‘दोपहर का सामना’ के माध्यम से भेज दिया लेकिन आपने अपना नाम नहीं बताया फिर भी मैं राम प्रकाश के नाम से आपको जवाब भेज रहा हूं। अगर आपके जन्म की बात करें तो मंगलवार के दिन आपका जन्म हुआ है। आपकी राशि लग्न के आधार पर मिथुन बन रही है। अगर मैं बात करूं तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है। धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में बारहवें स्थान पर बैठा लग्न भाव का स्वामी यदि १२वें स्थान पर बैठता है तो जीवनसाथी का चयन और करियर बनाने में परेशानी आती है। आपकी कुंडली में शेषनाग नामक कालसर्प योग है। इस कालसर्प योग की पूजा कराएंगे तो आपको अनुकूल जीवनसंगिनी प्राप्त होने के साथ ही आप व्यापार में भी सफल हो जाओगे। शादी के बाद ही आपका व्यापार भी अच्छा होगा। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण भी बनवाना चाहिए।
गुरु जी, क्या मैं राजनीति में सफलता प्राप्त कर सकता हूं?
– संजय एकनाथ मंडले
(जन्म- १० सितंबर १९७०, समय- ७:०० बजे प्रात:, स्थान- मुंबई)
संजय जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन हुआ है। मूल नक्षत्र के तृतीय चरण में आपकी राशि धनु बन रही है और राजनीति में आपकी सफलता की बात कही है। कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और कन्या लग्न का स्वामी आपकी कुंडली में बारहवें भाव में बैठा है और अष्टम भाव का स्वामी मंगल भी आपकी कुंडली में बारहवें भाव पर बैठकर छठे भाव को देख रहा है। आप तो राजनीति करते ही हो लेकिन सफल नहीं हो पा रहे हो क्योंकि आपकी कुंडली में शेषनाग नामक काल सर्प योग बना हुआ है। इस कारण आप प्रयास बहुत करते हैं लेकिन आपके सहकर्मी आपके साथ धोखा करते हैं। आपको शेषनाग कालसर्प योग की पूजा करनी चाहिए और राजनीति में सफलता के लिए आपको विशेष उपाय करना चाहिए। अपने जीवन की गहराइयों को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
गुरु जी, मेरी शादी कब होगी?
– विक्रम जोशी
(जन्म- २१ जनवरी १९८६, समय- रात्रि ११:५४, स्थान- राजस्थान)
विक्रम जी, आपका जन्म रोहिणी नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है। राशि आपकी वृषभ बन रही है। कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है। आपकी कुंडली में चंद्रमा उच्च राशि का है और आपकी कुंडली मांगलिक नहीं है लेकिन द्वितीय भाव पर मंगल ग्रह बैठकर केतु तथा अष्टम भाव पर राहु बैठकर आपकी कुंडली में कुलिक नामक कालसर्प योग बना रहा है। कुलिक नामक कालसर्प योग की आप पूजा कराएं। यदि महादशा के आधार पर हम देखें तो गुरु की महादशा चल रही है। गुरु की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है। २०२४ तक आपकी शादी हो जाएगी। जीवन की संपूर्ण जानकारी के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरु जी, मेरी राशि क्या है और समय कैसा चल रहा है?
– सुबिमल एम. बनर्जी
(जन्म- ८ सितंबर १९७२, समय- १०:००, स्थान- कोलकाता)
सुबिमल जी, आपने अपनी राशि के बारे में पूछा है और समय आपने नहीं दिया इसलिए प्रश्न कुंडली के आधार पर समय निर्धारित करके मैं देख रहा हूं। आपकी राशि तो सिंह बन रही है। नाम के आधार पर आपकी कुंभ राशि बनेगी लेकिन जो समय आपने दिया है इसके आधार पर आपकी सिंह राशि बनेगी। सिंह राशि के लोग बड़े पुरुषार्थी और बड़े मेधावी होते हैं। तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है। तुला लग्न का स्वामी शुक्र आपकी कुंडली में दशम भाव पर बैठा है। आप बहुत पुरुषार्थी और बड़े मेधावी हैं लेकिन आपकी कुंडली में भाग्य ग्रहण दोष बना हुआ है। इस कारण आप अपने परिश्रम का पूरी तरह से लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। जीवन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
गुरु जी, मेरी आर्थिक स्थिति कब तक सुधर जाएगी?
– दीपक चेलाराम
(जन्म- १५ मई १९६६, समय- २१:४०, स्थान- कांदिवली, मुंबई)
दीपक जी, आपका जन्म रविवार के दिन हुआ है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में आपकी राशि मीन बन रही है। आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती भी प्रारंभ हो चुकी है। अगर आपकी कुंडली में हम देखें कि आपकी आर्थिक स्थिति कब तक सुधर जाएगी तो शनि आपकी कुंडली में धन भाव का स्वामी है। आपकी राशि से १२वें स्थान पर शनि बैठकर आपके व्यय को बढ़ाया हुआ है इसलिए शनि की साढ़ेसाती का उपाय आपको करना आवश्यक है। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।