मुख्यपृष्ठअपराधजीवन दर्पण : देवगुरु बृहस्पति का करें उपाय, स्वास्थ्य होने लगेगा ठीक

जीवन दर्पण : देवगुरु बृहस्पति का करें उपाय, स्वास्थ्य होने लगेगा ठीक

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, मेरा वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं है, उपाय बताएं?
– अनुराधा गोयल
(जन्म- १९ मई १९९१, समय- ५.२५ बजे, स्थान- बोरीवली, मुंबई)
अनुराधा जी, आपका जन्म पुष्य नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि कर्क बन रही है। अगर हम आपके मैरिज को देखें तो वृषभ लग्न में आपका जन्म हुआ है और आपकी राशि पर शनि की ढैया का प्रभाव चल रहा है। वृषभ लग्न में ही सूर्य बैठा हुआ है इसलिए जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद बन जाते हैं और वैवाहिक जीवन कष्टमय हो जाता है। शनि की ढैया चल रही है इसलिए आपको पहले सूर्य का उपाय करना चाहिए। सूर्य का उपाय करने से आपको वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति हो सकती है। प्रतिदिन आपको सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ सुनना चाहिए।

गुरुजी, मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, उपाय बताएं?
– अनुराग गुप्ता
(जन्म- ११ सितंबर २०१२, समय- दिन ३.४७, स्थान- साकीनाका, मुंबई)
अनुराग जी, आपका जन्म पुनर्वसु नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मिथुन बन रही है। आपके हेल्थ के बारे में यदि हम देखें तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में छठे भाव पर बैठा है। लग्न भाव का स्वामी यदि छठे भाव पर बैठता है तो निश्चित ही स्वास्थ्य में किसी न किसी प्रकार की दिक्कत होती है। शनि की महादशा में शनि का अंतर चल रहा है इसलिए आपको देवगुरु बृहस्पति का उपाय करना चाहिए। देवगुरु बृहस्पति का उपाय करने से आपको धीरे-धीरे लाभ मिलने लगेगा।

गुरु जी, मेरा व्यापार नहीं चल रहा, उपाय बताएं?
– मुकेश पांडेय
(जन्म- २४ जून १९६६, समय- रात्रि ८ बजे, स्थान- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
मुकेश जी, आपका जन्म शुक्रवार के दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपकी राशि सिंह बन रही है। सिंह राशि के लोग पुरुषार्थी और मेधावी होते हैं। अगर आपके व्यापार को देखें कि व्यापार में बेनिफिट क्यों नहीं हो पा रहा है तो शनि की महादशा में शनि का अंतर चल रहा है। व्यापार से पूरी तरह से लाभ पाने के लिए आपको शनि का उपाय करना चाहिए। इसके लिए प्रतिदिन आप हनुमान चालीसा का पाठ करें।

गुरुजी, क्या मैं अपने पिता के साथ व्यापार करूं तो मुझे लाभ मिलेगा?
– आशीष पांडेय
(जन्म- ४ दिसंबर १९९७, समय- रात्रि २१.३०, स्थान- कानपुर, उत्तर प्रदेश)
आशीष जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मकर बन रही है। अगर हम देखें कि आप पिता के साथ व्यापार में जुड़ सकते हैं तो कर्क लग्न में आपका जन्म हुआ है और कर्क लग्न का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा आपकी कुंडली में सप्तम भाव पर देवगुरु बृहस्पति के साथ बैठकर गजकेसरी योग बना रहा है। इससे यह संकेत दिखाई दे रहा है कि मैरिज के बाद आपको व्यापार का अच्छा लाभ मिलना प्रारंभ हो जाएगा। पिता के साथ व्यापार में जुड़ने से आपको बहुत अच्छा लाभ मिलेगा क्योंकि पिता स्थान का स्वामी मंगल आपकी कुंडली में छठे भाव पर बैठ करके अपनी पूर्ण चौथी दृष्टि से भाग्य भाव को देख रहा है इसलिए पिता से कनेक्टिविटी आपके भाग्योदय का कारक बनेगा।

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