डॉ. बालकृष्ण मिश्र
प्रश्न-गुरुजी मेरा करियर कैसा है और शादी कब तक होगी?
-मनोज कुमार गुप्ता
(जन्म-१३ जुलाई १९९९, प्रात: ७:१५ बजे, सुलतानपुर उत्तर प्रदेश)
-मनोज जी आपका जन्म मंगलवार के दिन हुआ है। पुनर्वसु नक्षत्र के द्वितीय चरण में राशि आपकी कर्क है। तिथि के आधार पर आपके जन्म के समय अमावस्या तिथि है, जबकि जन्म कुंडली के आधार पर कर्क लग्न में आपका जन्म हुआ है। कर्क का स्वामी चंद्रमा आपकी कुंडली में लग्न भाव का स्वामी यदि १२ भाव पर बैठता है तो करियर बनाने में भी परेशानियां होती हैं। साथ ही जीवनसाथी के चयन में परेशानियां आती हैं। करियर के लिए आपको कुछ उपाय करना होगा। यदि मैरिज की बात करें तो मंगल चौथे स्थान पर बैठ कर आपकी कुंडली को मांगलिक भी बना रहा है। आपकी कुंडली में लग्न पर राहु के साथ में बुध बैठा हुआ है और सप्तम भाव पर केतु बैठा है। आपकी कुंडली में अनंत नाम का कालसर्प योग भी बना हुआ है। इस योग की वैदिक पूजा करना आपके लिए बहुत आवश्यक है। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।
प्रश्न-गुरुजी मेरा व्यापार नहीं चल रहा है, वैवाहिक जीवन वैâसा होगा?
-महेंद्र सिंह
(जन्म २४ मार्च १९९३, प्रात: ९:२६, भिवंडी
-महेंद्र जी आपकी राशि मीन है। मेष लग्न का स्वामी मंगल आपकी कुंडली में पराक्रम भाव पर बैठा है। आप पराक्रमी हैं, लेकिन अगर व्यापार की बात करें तो सप्तम भाव से व्यापार और मैरिज दोनों का विचार किया जाता है। सप्तम भाव का स्वामी शुक्र आपकी कुंडली में १२वें भाव पर उच्च राशि का हो करके बैठा है। इस स्थान पर सूर्य और चंद्रमा भी बैठा हुआ है। इसी कारण आपका व्यापार भी अनुकूल नहीं चल रहा है और मैरिज के लिए भी किसी प्रकार की अड़चन आती होगी। आपकी कुंडली में कुलिक नामक कालसर्प योग भी बना हुआ है, जिससे आप कंफ्यूजन में भी रहते हैं और व्यापार और वैवाहिक जीवन दोनों का सुख नहीं मिल पाता है। जीवन की संपूर्ण जानकारी के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
प्रश्न-गुरुजी मेरा भविष्य वैâसा होगा?
-मोनिका पालीवाल
(१३ अगस्त १९९३, ३:४५ पाली राजस्थान)
-मोनिका जी आपका जन्म मेष लग्न में हुआ है। मेष लग्न का स्वामी मंगल है। मंगल आपकी कुंडली में अष्टम भाव का भी स्वामी है। मंगल ग्रह पाप ग्रह होता है। आपकी राशि मीन है और मीन राशि पर इस समय शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। आपका करियर बहुत अच्छा है और कुंडली भी बहुत अच्छी है। आप अपने अंदर के कंफ्यूजन और क्रोध को समाप्त करें। आपकी कुंडली में कुलिक नामक कालसर्प योग बना हुआ है। इस योग के कारण वैवाहिक जीवन में भी किसी न किसी प्रकार की अड़चन आती है। जीवन को सुखमय बनाने के लिए और जीवन की विस्तृत जानकारी के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
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