मुख्यपृष्ठस्तंभजीवन दर्पण : कालसर्प की पूजा करवाएं, निश्चित मिलेगा संतान सुख

जीवन दर्पण : कालसर्प की पूजा करवाएं, निश्चित मिलेगा संतान सुख

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, मेरी शादी को सात वर्ष हो गए। अभी तक संतान सुख नहीं मिला, उपाय बताएं?
– अनिल पाटील
(जन्म- ६ अप्रैल १९८५, समय- दिन १४.३० बजे, स्थान- नासिक, महाराष्ट्र)
अनिल जी, आपका जन्म शनिवार के दिन चित्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपकी राशि तुला बन रही है। लग्न के आधार पर देखें तो कर्क लग्न में आपका जन्म हुआ है और पंचम भाव से संतान का विचार किया जाता है। पंचम भाव का स्वामी मंगल आपकी कुंडली में दशम भाव पर राहु के साथ और सप्तम भाव का स्वामी हो करके पंचम भाव पर ही शनि बैठा हुआ है। आपकी कुंडली में निश्चित संतान योग है, लेकिन पाप ग्रहों के दोष के कारण आपकी कुंडली में शंखपाल नामक कालसर्प योग भी बन रहा है। इस योग के कारण आपको संतान होने में बाधा बन रही है क्योंकि मंगल ग्रह रक्त से संबंध रखता है और मंगल ग्रह के साथ में ही राहु बैठा हुआ है। अत: शंखपाल नामक कालसर्प योग की वैदिक विधि से पूजा करने पर निश्चित ही आपको संतान की प्राप्ति होगी।

गुरुजी, मुझे संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही है। उपाय बताएं?
– दिव्यांशी
(जन्म- ११ अप्रैल १९८८, समय- रात्रि ६.२४, स्थान- भोपाल, मध्य प्रदेश)
दिव्यांशी जी, आपका जन्म सोमवार के दिन श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। आपकी राशि मकर पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण भी चल रहा है। यदि संतान के बारे में विचार करें तो कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और संतान का विचार पंचम भाव से किया जाता है। संतान भाव का स्वामी शनि आपकी कुंडली में केंद्र में बैठा है इसलिए संतान निश्चित ही होगी, इसमें संदेह नहीं है, लेकिन विलंब से संतान का योग बना हुआ है क्योंकि आपकी कुंडली में मंगल पंचम भाव पर चंद्रमा के साथ बैठा है। आपकी कुंडली में महापद्म नामक कालसर्प योग बना हुआ है। आपको वैदिक विधि से कालसर्प योग की पूजा करवानी चाहिए, निश्चित ही आपको संतान की प्राप्ति होगी।

गुरुजी, प्रमोशन न हो पाने के कारण ग्रोथ नहीं मिल पा रही है?
– सुकेश शर्मा
(जन्म- १५ अगस्त १९९२, समय- दिन में ९:५५, स्थान- जौनपुर, उत्तर प्रदेश)
सुकेश जी, आपका जन्म शनिवार के दिन सत्य विशाल नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है और आपकी राशि कुंभ बन रही है। यदि आपके प्रमोशन की बात करें तो कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और कन्या लग्न का स्वामी बुध आपकी कुंडली में सूर्य के साथ बैठ करके लाभ भाव पर बुधादित्य योग बनाया हुआ है। इस योग के कारण आप बहुत बुद्धिमान हैं, लेकिन अपनी बुद्धि का पूरी तरह से बेनिफिट नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं क्योंकि आपकी कुंडली में शंखपाल नामक कालसर्प योग बना हुआ है। वैदिक विधि से आपको इसकी पूजा करवानी चाहिए।

गुरुजी, मेरी मैरिज लाइफ वैâसी रहेगी?
हेमंत विश्वकर्मा
(जन्म- ४ जून १९९२, समय- रात्रि ७.५० बजे, स्थान- भरतपुर, राजस्थान)
हेमंत जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन वृश्चिक लग्न में हुआ है और आपकी राशि कर्क बन रही है। कर्क राशि पर शनि की ढैया भी चल रही है। यदि वैवाहिक जीवन के बारे में हम देखें तो सप्तम भाव पर शुक्र ग्रह अस्त हो करके बुध ग्रह के साथ बैठा हुआ है। वह शुक्र सप्तमेश भी है और द्वादश भी है। बुध ग्रह के साथ बैठा हुआ सूर्य वैवाहिक जीवन में तमाम बाधाएं उत्पन्न करेगा। नारी का सम्मान करने पर ही आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।

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