मुख्यपृष्ठस्तंभजीवन दर्पण : पंचम भाव का बृहस्पति दिलाता है राजयोग!

जीवन दर्पण : पंचम भाव का बृहस्पति दिलाता है राजयोग!

डाॅ. बालकृष्ण मिश्र

गुरु जी, क्या मैं मुंबई से बाहर जा सकती हूं। क्या बाहर जाना मेरे लिए लाभदायक होगा और बाहर जा करके सफल होने के लिए क्या उपाय करूं?
– प्रियंका गुप्ता
(जन्म- ८ दिसंबर १९९९, समय- प्रात: ८:४४ स्थान- मुंबई)
प्रियंका जी, आपका जन्म बुधवार के दिन हुआ है। ज्येष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में होने के कारण आपकी राशि वृश्चिक बन रही है। वृश्चिक राशि पर चंद्रमा नीच राशि का होता है और आपकी कुंडली को अगर हम देखें तो आपका जन्म धनु लग्न में हुआ है। धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति आपकी कुंडली में पंचम भाव पर बैठकर केंद्र त्रिकोण राजयोग बनाया है। आपने बाहर जाकर सफल होने का उपाय पूछा है तो आपकी कुंडली में कुलिक नामक कालसर्प योग बना हुआ है। कालसर्प योग की वैदिक पूजा कराएं इसके बाद ही बाहर जाएं आपको विशेष लाभ मिलेगा। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।

गुरु जी, मेरी आमदनी नहीं बढ़ रही है। कृपया उपाय बताएं?
– शिवेंद्र सिंह
(जन्म- २० अक्टूबर २००० समय- दिन में २:५५ स्थान- कल्याण)
शिवेंद्र जी, आपका जन्म पुष्य नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है। आपकी राशि कर्क बन रही है। अगर लग्न के आधार पर हम आपकी कुंडली को देखें तो मकर लग्न में आपका जन्म हुआ है। आपकी कुंडली में दशम भाव पर नीच राशि का सूर्य और बुध बैठकर बुधादित्य योग बनाया हुआ है। इस योग के कारण आप आप विकास करेंगे लेकिन आपकी कुंडली में शेषनाग कालसर्प योग भी बना हुआ है। इस योग की पूजा कम-से-कम तीन बार कराने से निश्चित ही आपका विकास होगा। आपको बुधादित्य योग का फल नहीं मिल पा रहा है इसलिए बुध का रत्न पन्ना भी आपको धारण करना चाहिए।

गुरु जी, कोई काम नहीं हो पा रहा है। अच्छा समय कब आएगा, उपाय बताएं?
– सचिनदेव बर्मन
(जन्म- २६ फरवरी १९९२, समय- रात्रि ९:५५ स्थान- प्रतापगढ़, उ.प्र.)
सचिनदेव जी, आपका जन्म बुधवार के दिन हुआ है। ज्येष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में आपकी राशि वृश्चिक बन रही है। ज्येष्ठा नक्षत्र गंडमूल संज्ञक नक्षत्र भी माना जाता है और आपकी राशि वृश्चिक बन रही है। वृश्चिक राशि पर चंद्रमा भी नीच राशि का होता है। यदि आपकी कुंडली को गहराई से देखें कि आपका काम क्यों नहीं बन पा रहा है तो तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है और चंद्रमा आपकी कुंडली में दशम भाव का स्वामी होकर द्वितीय भाव पर बैठा है। आपकी कुंडली में वासुकी नामक कालसर्प योग भी बना हुआ है। आपको इस कालसर्प योग की पूजा विधि-विधान से कराना चाहिए। आपकी कुंडली भी मांगलिक है। मंगल ग्रह उच्च राशि का है इसलिए संकेत मिल रहा है कि विवाह के बाद आपका विकास होना चाहिए। जीवन के विस्तार को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण भी बनवाना चाहिए।

गुरु जी, मेरी शादी कब होगी कोई उपाय बताएं?
– हर्षदा जायसवाल
(जन्म- १४ नवंबर २००१ समय- रात्रि ८:३५ स्थान- मुंबई)
हर्षदा जी, आपका जन्म बुधवार के दिन हुआ है। स्वाति नक्षत्र के चतुर्थ चरण में आपकी राशि तुला बन रही है। तिथि के आधार पर अगर हम देखें तो अमावस्या तिथि के दिन आपका जन्म हुआ है। यदि लग्न के आधार पर हम आपकी कुंडली को देखें तो मिथुन लग्न में आपका जन्म हुआ है। मिथुन लग्न में बृहस्पति ग्रह के साथ राहु बैठ करके चांडाल योग बनाया हुआ है और अष्टम भाव पर उच्च राशि का मंगल बैठा हुआ है। मांगलिक कुंडली होने के कारण जीवनसाथी का चयन करने में देरी हो सकती है। आपकी कुंडली में राहु ग्रह के साथ बृहस्पति बैठा हुआ है। अनंत कालसर्प योग बना हुआ है और आप मांगलिक हैं।

गुरुजी, मेरी राशि क्या है और समय वैâसा चल रहा है कृपया बताएं?
– मुकेश यादव
(जन्म- ८ सितंबर १९७२ समय- १०:३५ स्थान- कोलकाता)
मुकेश जी, आपकी राशि के बारे में कुंडली के आधार पर समय निर्धारित करके मैं देख रहा हूं तो आपकी राशि सिंह बन रही है और नाम के आधार पर तो आपकी कुंभ राशि बनेगी। लेकिन जो समय आपने दिया है, उसके आधार पर आपकी सिंह राशि बनेगी। सिंह राशि के लोग पुरुषार्थी होने के साथ ही बड़े मेधावी होते हैं। तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है। तुला लग्न का स्वामी शुक्र आपकी कुंडली में दशम भाव पर बैठा है। आप बहुत पुरुषार्थी और बड़े मेधावी हैं लेकिन आपकी कुंडली में भाग्य ग्रहण दोष बना हुआ है। इस कारण आप अपने परिश्रम का पूरी तरह से लाभ नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। जीवन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।

ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर आपको देंगे सलाह। बताएंगे परेशानियों का हल और आसान उपाय। अपने प्रश्नों का ज्योतिषीय उत्तर जानने के लिए आपका अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय, जन्म स्थान मोबाइल नं. ९२२२०४१००१ पर एसएमएस करें। उत्तर पढ़ें हर रविवार…!

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