मुख्यपृष्ठधर्म विशेषजीवन दर्पण: आत्मबल बढ़ाने के लिए सुनें विष्णु सहस्रनाम का पाठ!

जीवन दर्पण: आत्मबल बढ़ाने के लिए सुनें विष्णु सहस्रनाम का पाठ!

गुरुजी,मेरी परेशानियां दूर होंगी? क्या मैं व्यापार कर सकता हूं? उपाय बताएं? – संतोष त्रिवेदी

(जन्म- १४ अक्टूबर १९७६ समय- प्रात: ७:३५ स्थान- भदोही)
संतोष जी, आपका जन्म मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मिथुन है। लग्न के आधार पर अगर हम बात करें तो तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है। तुला लग्न का स्वामी शुक्र होता है और लग्न में ही मंगल बैठा हुआ है। उसी स्थान पर राहु की बैठक मंगल ग्रह के साथ यदि राहु बैठता है तो अंगारक योग बना देता है। तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है। आप बहुत सोच-समझकर काम करते हो, लेकिन उस कार्य का पूरी तरह से आपको बेनिफिट नहीं मिल पाता है। उसका मूल कारण यह है कि आपकी कुंडली में लग्न पर राहु बैठा हुआ है और सप्तम भाव पर केतु बैठ करके अनंत नामक कालसर्प योग बना रहा है। साथ ही आपकी कुंडली में पराक्रम भाव का स्वामी बृहस्पति अष्टम भाव पर बैठ करके आपके मन को कमजोर बना देता है। प्रतिदिन संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ सुनें, ऐसा करने से आपका आत्मबल बढ़ेगा। रही बात व्यापार की तो आप व्यापार कर सकते हो। आपको व्यापार का बेनिफिट मिलेगा इसमें कोई संदेह नहीं है लेकिन अनंत नामक कालसर्प योग की वैदिक विधान से पूजा आपको जरूर करवानी चाहिए।
गुरुजी, मेरा करियर वैâसा होगा। करियर अच्छा होने के लिए क्या उपाय करूं? – सूरज जायसवाल
(जन्म- ३ अप्रैल १९९८ समय- रात्रि ९.४५ स्थान- प्रयागराज)
सूरज जी, आपका जन्म शुक्रवार के दिन हुआ और आपकी राशि मिथुन बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम बात करें तो वृश्चिक लग्न में आपका जन्म हुआ है। वृश्चिक लग्न का स्वामी मंगल है और मंगल आपकी कुंडली में पंचम भाव पर बैठकर केंद्र त्रिकोण राजयोग बना रहा है। आप बुद्धिमान बहुत हैं, लेकिन आपकी कुंडली में चंद्रमा ग्रह के आगे-पीछे कोई ग्रह नहीं है, इस कारण आपकी कुंडली में केमद्रुम योग बना हुआ है। इस केमद्रुम योग के कारण जीवन में उतार-चढ़ाव भी संभव है और बनता-बनता काम भी बिगड़ जाता है। यदि महादशा के आधार पर हम देखें तो शनि की महादशा में केतु का अंतर चल रहा है। शनी आपकी कुंडली में पराक्रम भाव व चौथे भाव का स्वामी है और केतु आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह के साथ चौथे स्थान पर बैठा है। इस कारण आपकी कुंडली में आंशिक कालसर्प योग भी बना हुआ है। २५ अप्रैल, २०२४ के बाद आपका बहुत अच्छा समय आएगा।
गुरुजी, मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, उपाय बताएं?
– निशा दुबे
(जन्म- २२ अगस्त २००४ समय- ५.३६ प्रात: स्थान- मुंबई)
निशा जी, आपका जन्म रविवार के दिन हुआ है और आपकी राशि तुला है। लग्न के आधार पर अगर हम देखें तो कर्क लग्न में आपका जन्म हुआ है। कर्क लग्न का स्वामी चंद्रमा आपकी कुंडली में केतु ग्रह के साथ चौथे स्थान पर बैठ करके लग्न को दूषित किया हुआ है और आपकी कुंडली में कालसर्प योग भी बना हुआ है। यदि आपके स्वास्थ्य के बारे में हम बात करें कि आपका स्वास्थ्य बार-बार क्यों दिक्कत में आ रहा है तो छठे भाव से स्वास्थ्य का विचार किया जाता है। छठे भाव का स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति आपकी कुंडली में द्वितीय भाव पर बैठ करके स्वास्थ्य को कमजोर बना रहा है। उसी स्थान पर मंगल और बुध भी द्वादशेश हो करके बैठा है। इसलिए ग्रहों की दिक्कत के कारण आपका स्वास्थ्य बार-बार दिक्कत में आ रहा है। स्वास्थ्य को अनुकूल बनाने के लिए आपको प्रतिदिन आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ सुनना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए सूर्य को प्रणाम करना चाहिए और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी आपको सुनना चाहिए।
गुरुजी, मेरा करियर ठीक नहीं है, कोई उपाय बताएं?
– गौतम सिंह
(जन्म- २७ अक्टूबर १९९९ समय- प्रात: ६:५५ स्थान- उड़ीसा)
गौतम जी, आपका जन्म बुधवार के दिन हुआ है और आपकी राशि वृषभ है। वृषभ राशि पर चंद्रमा उच्च राशि का होता है। यदि हम आपके करियर की बात करें तो तुला लग्न में आपका जन्म हुआ है। तुला लग्न का स्वामी शुक्र है और शुक्र आपकी कुंडली में लाभ भाव पर बैठा है। करियर में आप अपने परिश्रम का पूरी तरह से पारिश्रमिक नहीं प्राप्त कर पा रहे हो क्योंकि आपकी कुंडली में शंखपाल नामक कालसर्प योग बना हुआ है। इस कालसर्प योग की पूजा आपको अपने जीवन में तीन बार कराना चाहिए। यदि वर्तमान कंडीशन की बात करें तो आपकी कुंडली में सूर्य नीच राशि का है। व्यक्ति की कुंडली में जब सूर्य नीच राशि का होता है तो व्यक्ति को सुबह सोकर उठने के बाद सूर्य को प्रणाम करना चाहिए। प्रतिदिन संकटनाशन गणेश स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ सुनना प्रारंभ कर दीजिए, आपको करियर का पूरी तरह से बेनिफिट मिलने लगेगा।

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