मुख्यपृष्ठस्तंभजीवन दर्पण: पीपल की परिक्रमा से शांत होती है ग्रह दशा

जीवन दर्पण: पीपल की परिक्रमा से शांत होती है ग्रह दशा

• डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरु जी अस्वस्थ रहता हूं, कोई उपाय बताएं? -मानवेंद्र सिंह
(जन्मतिथि- ८ अगस्त १९७४, समय- रात्रि १२.३५ बजे, स्थान- भदोही, उ.प्र.)
मानवेंद्र जी, आपका जन्म वृष लग्न और मीन राशि में हुआ है। लग्नेश एवं षष्ठेश शुक्र द्वितीय भाव में बैठा है तथा लग्न में ही केतु बैठकर समय-समय पर आपको डिप्रेशन में डाल देता है। आपकी कुंडली को अगर सूक्ष्मता से देखा जाए तो छठें भाव का स्वामी यदि द्वितीय स्थान पर बैठता है तो बार-बार बीमार होते हैं क्योंकि आपकी कुंडली में अनंत नामक कालसर्प योग बन रहा है। इस योग के कारण जातक को व्यक्तित्व निर्माण करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। मानसिक परेशानी पीछा नहीं छोड़ता। ऐसा व्यक्ति की किसी भी काम में स्थाई रुचि नहीं होती। इस समय आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती भी प्रारंभ हो गई है। कुंडली में रोगेश शुक्र की महादशा में शनि का अंतर चल रहा है। अत: डिप्रेशन का होना स्वाभाविक है। वर्तमान में ग्रह शांति कराना आवश्यक है तथा स्थाई लाभ प्राप्त करने के लिए अनंत नामक कालसर्प योग की पूजा समय-समय पर कराते रहना चाहिए। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
स्वास्थ्य खराब है। कुंडली में क्या दोष है। कुछ निवारण बताएं? -मानसी दीक्षित
(जन्मतिथि- २१ दिसंबर २०१७, समय- सायंकाल ५.४६ बजे, स्थान- मुंबई)
मानसी जी, आपका जन्म वृष लग्न एवं मकर राशि में हुआ है। वृष लग्न का स्वामी शुक्र ग्रह है। इस लग्न में जन्म लेनेवाले जातक का चेहरा गोल एवं गेहुंए रंग का होता है। आपकी कुंडली में लग्नेश एवं रोगेश शुक्र अष्टम भाव में बैठकर बालारिष्ट योग बना रहा है। इस समय आपकी कुंडली में शनि भाग्येश एवं कर्मेश शुक्र के अष्टम भाव में बैठकर पिता के कार्य क्षेत्र एवं आपके स्वास्थ्य को भी कमजोर बना रहा है। आपकी कुंडली में कालसर्प योग और भाग्य ग्रहण दोष भी बना हुआ है। सबसे पहले स्वास्थ्य को अनुकूल बनाने के निमित्त बालारिष्ट योग की पूजा वैदिक विधि से आवश्यक है। शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। शुभ फल की प्राप्ति के लिए शनिवार को काला तिल, काली उड़द, बादाम, कोयला और नारियल शरीर से सात बार उतारा करवाकर जलाशय में बहाएं। संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरु जी, मेरी राशि क्या है और समय वैâसा चल रहा है? -शारदा सिंह
(जन्मतिथि- २१ अक्टूबर १९८७, समय- दिन में ९.३५ बजे, स्थान- भदोही, उ.प्र.)
शारदा जी, आपका जन्म वृश्चिक लग्न एवं कन्या राशि में हुआ है। आपकी कुंडली को सूक्ष्मता से देखा गया है। आपकी कुंडली में ग्रहण योग एवं पद्म नामक कालसर्प योग भी बन रहा है। गुरु की महादशा प्रारंभ होगी। आपकी कुंडली में भी गुरु द्वितीय एवं पंचमेश होकर छठे भाव में बैठकर इन दोनों घर को कमजोर बना दिया है। अत: गुरु की महादशा सामान्य स्तर से चलेगी। जीवन में पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए वैदिक विधि से आपको ग्रह शांति उपचार करवाना आवश्यक होगा तथा ४३ दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा ७ मिनट निम्न मंत्र ‘ॐ पिप्लाश्रय संस्थिताय नम:’ बोलते हुए करें। संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
मेरी राशि क्या है और मेरी शादी कब होगी, कोई उपाय बताएं?
-साक्षी यादव (जन्मतिथि- २३ अप्रैल १९९१, समय- ५.३९ बजे, स्थान- इंदौर, म.प्र.)
साक्षी जी, आपका जन्म मीन लग्न एवं कर्क राशि में हुआ है। आपकी कुंडली को सूक्ष्मता से देखा गया है। चौथे स्थान पर मंगल बैठकर आपको मांगलिक बना दिया है। मांगलिक दोष के कारण अनुकूल जीवनसाथी नहीं मिल पाता है, इसी कारण विवाह में विलंब हो रहा है। इस समय शुक्र की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। विवाह का समय चल रहा है। अनुकूल जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए मंगल चंडिका स्रोत का पाठ कराएं तथा कुंभ विवाह भी कराएं इससे अनुकूल जीवन साथी प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
गुरु जी, मेरी राशि क्या है और भविष्य कैसा होगा?
(जन्मतिथि- ५ नवंबर, १९७५, समय- रात्रि २ बजकर ४५ मिनट, स्थान- आजमगढ़, उ.प्र.)
शिवनाथ जी, आपका जन्म सिंह लग्न एवं वृश्चिक राशि में हुआ है। लग्नेश सूर्य है तो नीच राशि का लेकिन पराक्रम भाव में बैठकर भाग्य भाव को पूर्ण उच्च की दृष्टि से देख रहा है। अत: आप भाग्यशाली हैं लेकिन पराक्रम भाव पर राहु सूर्य के साथ बैठकर ग्रहण योग बना दिया है तथा भाग्य भाव पर केतु बैठकर भाग्य ग्रहण दोष बना दिया और सूक्ष्मता से अवलोकन करने पर पितृदोष भी बन रहा है। भाग्य ग्रहण दोष के कारण आप अपने परिश्रम का पूर्ण पारिश्रमिक प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इस समय शुक्र की महादशा चल रही है। शुक्र आपकी कुंडली में पराक्रमेश एवं कर्मेश है, उसी की महादशा चल रही है। जीवन की अन्य गहराइयों को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।

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