डाॅ. बालकृष्ण मिश्र
प्रश्न-गुरुजी मेरे विवाह में क्यों देरी हो रही है? क्या कारण है कि विवाह अभी तक नहीं हो पाया है कोई उपाय बताएं।
-मुकेश चौहान
(जन्म २९ अप्रैल १९९५ रात्रि २३:३० स्थान कुर्ला मुंबई )
मुकेश जी, आपका जन्म शनिवार के दिन हुआ है। भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण में राशि आपकी मेष बन रही है, अगर लग्न के आधार पर हम देख रहे हैं तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में १२ वें भाव पर बैठा है। लग्न भाव का स्वामी यदि १२ वें भाव पर बैठता है तो करियर बनाने में भी परेशानियां आती हैं और जीवनसाथी चयन में भी परेशानियां आती हैं। यदि मैरिज की दृष्टि से हम देख रहे हैं तो आपकी कुंडली में तो अष्टम भाव पर नीच राशि का मंगल बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक भी बना रहा है। मांगलिक कुंडली होने के कारण जीवनसाथी के चयन करने में किसी न किसी तरह की अड़चन आ रही है। आपको मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ एवं अर्क विवाह करना चाहिए तथा अष्टम भाव का स्वामी चंद्रमा आपकी कुंडली में पंचम भाव पर बैठा है।आपकी कुंडली में काल सर्प योग भी बना हुआ है। वैसे जीवनसाथी का चयन करने के लिए समय उत्तम चल रहा है २०२५ अथवा २०२६ तक आपकी शादी होने के संकेत दिख रहे हैं। विशेष जानकारी के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाएं।
प्रश्न-गुरुजी मेरी बेटी की राशि क्या है और इसका भविष्य वैâसा होगा ?
-पूर्वी गुप्ता
(जन्म १२ अक्टूबर २०२३ रात्रि १०:२५ मुंबई)
पूर्वी जी, आपकी बेटी की कुंडली को अगर हम देख रहे हैं तो बेटी का जन्म गुरुवार के दिन हुआ है। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के द्वितीय चरण में बेटी की कन्या राशि बन रही है। कन्या राशि का स्वामी बुध होता है, यदि लग्न के आधार पर देख रहे हैं तो बेटी का मिथुन लग्न में जन्म हुआ है और लग्न भाव का स्वामी और राशि का स्वामी बुध बेटी की कुंडली में चौथे स्थान पर उच्च राशि का होकर बैठा हुआ है, साथ में सूर्य और चंद्रमा भी बैठा हुआ है। बेटी आपकी भाग्यशाली है। एजुकेशन में अच्छी होगी, लेकिन एजुकेशन के स्थान पर विचार किया जाता है। बेटी की कुंडली में कालसर्प योग का भी प्रभाव बन रहा है। इस प्रभाव के कारण पिता के कार्य क्षेत्र में भी किसी न किसी प्रकार की अड़चन और भविष्य में उसकी एजुकेशन में भी अड़चन के संकेत हैं। जीवन की गहराई को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाएं।
प्रश्न-गुरुजी किसी काम में सफलता नहीं मिल रही है, नौकरी भी कभी-कभी छूट जाती है, कोई उपाय बताएं ?
-सत्यप्रकाश सिंह
(जन्म २ जुलाई १९९५ १०:०० बजे दिन में कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
सत्यप्रकाश जी, आपका जन्म रविवार के दिन हुआ है। मघा नक्षत्र के प्रथम चरण में राशि आपकी सिंह बन रही है। सिंह लग्न में आपका जन्म हुआ है, सिंह लग्न का स्वामी सूर्य होता है। सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव पर बैठा है। सिंह लग्न के लोग बड़े मेधावी, बड़े पुरुषार्थी होते हैं, लेकिन आपको क्यों सफलता नहीं मिल पा रही है। उसका मूल कारण है कि १२वें भाव का स्वामी चंद्रमा आपकी कुंडली में लग्न पर भाग्य भाव के स्वामी मंगल ग्रह के साथ में बैठा इसलिए है आप मेहनत खूब करते हैं, लेकिन मेहनत का पूरी तरह से बेनिफिट प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। आपको वैदिक विधि से उपाय करना होगा। भाग्य ग्रहण दोष की पूजा करनी होगी। आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए। सूर्य आपकी कुंडली में लग्न भाव का स्वामी और सूर्य की महादशा में शनि का अंतर २२ दिसंबर २०२४ को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद में धीरे-धीरे आपको बेनिफिट मिलना चालू होगा।
‘जीवन दर्पण’ कॉलम के तहत यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल व्हाट्सऐप नंबर ९२२२०४१००१ पर लिख भेजें।