सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले शुक्रवार से जुहू बीच पर जेलीफिश का आना शुरू हो गया है। इसी के साथ अब पर्यटकों को जेली फिश के काटने की शिकायतें भी मिल रही है। कल रात ७.१० से ८ बजे के बीच जुहू बीच पर छह लोगों को जेली फिश ने काट लिया। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए विलेपार्ले के कूपर अस्पताल में लाया गया। बता दें कि गणपति विसर्जन तक जेली फिश समुद्र में मौजूद रहती हैं। हर शनिवार और रविवार को लगभग २५ हजार पर्यटक जुहू बीच पर आते हैं। लाइफगार्ड मनोहर शेट्टी और सोहेल मुलानी ने पर्यटकों से निर्देशों की अनदेखी न करने और गहरे समुद्र में न जाने की अपील की है।
बरसात के मौसम में समुद्र से जमीन की ओर तेज हवाएं चलती हैं। उच्च ज्वार के दौरान हल्के वजन वाली जेली फिश समुद्र तटों के करीब आ जाती हैं। नीली बोतल के आकार की जेली फिश जहरीली होती हैं और आमतौर पर हवा से भरे नीले थैले जैसी दिखती हैं। उनके तंतुओं में एक विष होता है, जो काटने पर असहनीय दर्द का कारण बनता है।
जेली फिश के काटने का इलाज
जेली फिश के इंसान के संपर्क में आने के बाद ये जोर से काटती हैं। इनका दर्द असहनीय होता है। ऐसे में जिस जगह पर इन्होंने काटा है उस जगह पर गाय का गोबर, कोलगेट का पेस्ट लगाएं और बर्फ रगड़ें और नींबू लगाएं। महाराष्ट्र मछुआरा एक्शन कमेटी के महासचिव किरण कोली ने बताया कि अगर चोट ज्यादा गंभीर है तो नजदीकी अस्पताल में जाकर दवा और दर्द निवारक इंजेक्शन लें।