अजय भट्टाचार्य। पति पांच बार सांसद का चुनाव जीत चुके हों तो पंचायत चुनाव में बीवी की जीत कौन सा मुश्किल काम है। इसी आत्मविश्वास से लबरेज बिहार के अररिया के नरपतगंज नगर पंचायत चुनाव में पांच बार सांसद रह चुके सुखदेव पासवान ने अपनी पत्नी सीमा कुमारी को उतारा था। सामने थी २१ साल की मेडिकल छात्रा सन्नू कुमारी। सब मानकर चल रहे थे कि सीमा कुमारी इकतरफा जीत हासिल करेंगी। परिणाम आने के बाद सन्नू कुमारी ने सबको चौंका दिया और विजयी घोषित हो गर्इं। सन्नू कुमारी मुख्य पार्षद पद का चुनाव जीत गई हैं। सन्नू दरभंगा मेडिकल कॉलेज में फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं। उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीमा कुमारी को २,१९३ वोटों से हराया। नरपतगंज नगर पंचायत के मधुरा उत्तर के शिक्षक इंद्रानंद पासवान की पुत्री सन्नू कुमारी निकाय चुनाव के दूसरे चरण के नतीजे घोषित होने के बाद चर्चा का विषय बनी हुई हैं। अररिया से पांच बार सांसद रहे और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव पासवान की पत्नी सीमा कुमारी को पराजित किया। सन्नू के पिता इंद्रानंद पासवान एक शिक्षक तो मां आंगनबाड़ी सेविका हैं। सन्नू कुमारी को मुख्य पार्षद के लिए कुल ५,४९३ मत प्राप्त हुए हैं। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीमा कुमारी को हराया है। सीमा को ३,५०० मत प्राप्त हुए। इस सीट पर तीसरे स्थान पर एक अन्य पूर्व सांसद की पत्नी नीलम देवी रहीं। नीलम देवी को सिर्फ १,२०६ वोट मिले हैं।
अफसरशाही में हड़कंप
प्रचंड जीत के बाद भाजपा अफसरशाही के प्रति सख्त हो गई है। इससे बाबुओं में अपने राजनीतिक आकाओं के अगले कदम को लेकर चिंता पैदा हो गई है। जहां एक ओर बहुप्रतीक्षित फेरबदल के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, वहीं दूसरी ओर दो सेवानिवृत्त नौकरशाहों को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है। जहां कुछ लोग इस बात से खुश हैं कि सत्ता का केंद्रीकरण समाप्त नहीं होगा, वहीं अन्य इस कदम के निहितार्थों को लेकर चिंतित हैं। इस साल यानी २०२३ में सेवानिवृत्त होने वाले एक वरिष्ठ नौकरशाह बड़बड़ाते हुए कहते हैं कि यह सरकार मौजूदा लोगों की तुलना में सेवानिवृत्त लोगों पर अधिक निर्भर करती है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सेवानिवृत्ति के बाद समान पोस्टिंग स्वीकार करेंगे? उन्होंने कहा कि मैं इसे खुशी-खुशी स्वीकार करूंगा।
पंचायत के बहाने लोकसभा की तैयारी
पश्चिम बंगाल में लोकसभा से पहले पंचायत चुनाव होने वाला है, लेकिन पार्टी का अधिक फोकस लोकसभा चुनाव पर ही होगा। ऐसे में भाजपा बिल्कुल भी समय गंवाना नहीं चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब अक्सर ही बंगाल दौरे में आ सकते हैं। उनकी जनसभाओं की तैयारी भी लगभग कर ली गई है। सब ठीक रहा तो आगामी शनिवार को पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल में जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। मोदी लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में १४ जनसभाएं कर सकते हैं। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व जेपी नड्डा १२-१२ कर कुल २४ जनसभाएं कर सकते हैं। शनिवार को होनेवाली जनसभा चण्डीतल्ला में हो सकती है, वहीं ८ जनवरी को एक और सभा के बाद नड्डा वापस दिल्ली लौट सकते हैं। सूत्रों के अनुसार २ या ३ लोकसभा को लेकर एक क्लस्टर तैयार किया गया है। ४२ लोकसभा क्षेत्रों को बांट लिया गया है और १४ क्लस्टरों में प्रधानसेवक की सभा हो सकती है। यहां उल्लेखनीय है कि वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पश्चिम बंगाल से १८ सीटें मिली थीं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।