मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : टूटे सपने

झांकी : टूटे सपने

अजय भट्टाचार्य

राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजों में पूर्ण बहुमत पाकर भाजपा के हौसले बुलंद हैं। लेकिन पार्टी के जीतने पर मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार नतीजे आने के बाद अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। जयपुर के आमेर में और चूरू के तारानगर में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। इन दोनों ही सीटों पर पार्टी के दो दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है। तारानगर में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और आमेर में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की हार हुई है। ये दोनों ही नेता मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे। शुरुआती रुझान में आमेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रशांत शर्मा और सतीश पूनिया के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही थी। लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गणना आगे बढ़ी, पूनिया पिछड़ते चले और कांग्रेस के प्रशांत शर्मा विजयी हुए। चूरू जिले की तारानगर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र बुड़ानिया ने जीत हासिल की और राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव हार गए। प्रदेश के सबसे दिग्गज नेताओं में शुमार नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ लगातार सात बार विधायक चुने गए थे लेकिन ८वां चुनाव हार गए। सतीश पूनिया पहली बार २००० में सादुलपुर से उपचुनाव हार गए थे। फिर १३ साल बाद उन्होंने आमेर से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए। वे पहली बार आमेर से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। विधायक बनने के ८२ दिनों के बाद उन्हें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का भारी-भरकम पद दिया गया था। इस वर्ष ८ मार्च को वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर पूनिया ने जयपुर में प्रदर्शन का एलान करते हुए विधायकों को हाजिर होने का आदेश दिया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही भाजपा नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था।

गुढ़ा का डिब्बा गोल
`बड़ा नाम सुनते थे हाथी की दुम का
मगर छू के देखा तो रस्सी बंधी थी।’
राजस्थान में लाल डायरी फेम राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गहलोत सरकार से बर्खास्तगी के बाद गद्दार शिंदे सेना का झंडा थामा और राज्य में गद्दार सेना ने २०० सीटों पर लड़ने की डींग हांकी। बड़े जोर-शोर से उदयपुरवाटी से पर्चा भी भर दिया। उम्मीद थी कि गद्दार गिरोह के मुखिया के जरिए इस सीट पर भाजपा का प्रत्याशी खड़ा नहीं करने की जुगाड़ हो जाएगी। भाजपा ने कोई भाव नहीं दिया और नतीजा २०० सीटें तो दूर एकलौती सीट बचाने के लाले पड़ गए। भाजपा ने पिछली बार के अपने पराजित उम्मीदवार शुभकरण चौधरी को उतार दिया तो कांग्रेस ने भी भगवानाराम सैनी को मैदान में उतारा। नतीजा आया तो गुढ़ा के तोते उड़ गए। चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस के भगवानाराम सैनी को ६७ हजार १८३ वोट मिले और भाजपा के शुभकरण चौधरी पिछले चुनाव की तरह अपने दूसरे नंबर पर ही रहे। ४१९ वोट के अंतर के चलते उन्हें ६६ हजार ७६४ वोट मिले, जबकि राजेंद्र गुढ़ा तीसरे नंबर पर खिसक गए। उन्हें ५७ हजार १०१ वोट मिले, जबकि अंतर १० हजार ८२ वोट का है। पिछली बार बसपा के हाथी पर सवार होकर गुढ़ा विधानसभा पहुंचे थे। बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

जापान और मौसम
गुजरात सचिवालय में चर्चा है कि मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ जापान जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गुजरात में अनियमित मौसम की स्थिति पैदा हो जाती है। इससे पहले तत्कालीन मुख्य सचिव पंकज कुमार की जापान यात्रा के बाद गुजरात में अचानक बाढ़ आ गई थी। इस बार वाईब्रेंट गुजरात ग्लोबल सम्मिट (वीजीजीएस) को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव राजकुमार की जापान यात्रा के कारण यहां बेमौसम बारिश हुई। अब यह नौकरशाही हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। बाबू लोग हल्के-फुल्के अंदाज में कह रहे हैं कि मुख्य सचिव, आप कहीं भी जाओ। लेकिन मौसम को अच्छा रखना है तो जापान मत जाओ।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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