अजय भट्टाचार्य
चंदौसी जिला अदालत के बाहर हथकड़ियों में जकड़े पेशे से पत्रकार इस युवक का नाम संजय राणा है, जिसे भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री शुभम राघव की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। राघव का आरोप है कि संजय फर्जी पत्रकार है और उसने बुद्धपुर खंडुआ में चेक डैम के शिलान्यास कार्यक्रम में स्वतंत्र प्रभार मंत्री गुलाब देवी के साथ बदतमीजी की और गाली-गलौज की। चूंकि शिकायत भाजपा पदाधिकारी ने की थी इसलिए बाबाजी की पुलिस एक्शन में आई और राणा को अंदर कर दिया। घटना ११ मार्च की है। दरअसल, राणा की गलती यह थी कि उसने कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र में आधे-अधूरे विकास कार्यों पर मंत्रीजी से सवाल पूछने की गुस्ताखी की थी। राणा की गिरफ्तारी की खबर आम होने पर वह वीडियो वायरल हो गया, जिसमें राणा गुलाब देवी से सवाल-जवाब करता दिख रहा है। वीडियो देखने से पता चलता है कि राणा ने न कोई गाली-गलौज की और न ही वहां कोई हंगामा या गड़बड़ी की। भद्द पिटती देख पुलिस उसे अदालत ले गई, जहां उसकी जमानत का विरोध करने से पुलिस बचती नजर आई। आजादी के इस अमृतकाल में भाजपा ही सत्य है, वही कानून है और वही अदालत जो जब चाहे किसी को भी फर्जी करार देने के लिए अधिकृत।
ममता-अखिलेश पर अटकलें
बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की होनेवाली मुलाकात के कारण राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। यह भी ऐसे मौके पर जब कांग्रेस सहित काफी विपक्षी दलों का गठबंधन बनाए जाने की चर्चा हो रही है। समाजवादी पार्टी का १८ और १९ मार्च को कोलकाता में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होना है और पार्टी के सभी कार्यकारी सदस्य १७ को कोलकाता पहुंचेंगे। उस दिन दोपहर करीब ३ बजे पूरी टीम के साथ अखिलेश यादव मीटिंग करेंगे। खबर है कि अधिवेशन से पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कल ५ बजे ममता बनर्जी से मिलने कालीघाट जाएंगे। इस दौरान दोनों के बीच एकांत में चर्चा हो सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले यह बैठक अहम मानी जा रही है। विपक्षी गठबंधन पर विशेष चर्चा हो सकती है। ममता और अखिलेश के बीच छठवीं बार हो रही इस बैठक के बाद अखिलेश सम्मेलन में व्यस्त होंगे, आखिरी दिन पत्रकारों से रू-ब-रू होंगे। खास बात यह है कि कल ही ममता बनर्जी ने कालीघाट स्थित पार्टी कार्यालय में सभी पार्टी सदस्यों के साथ बैठक बुलाई है। वह सभी विधायकों, सांसदों के साथ वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा करेंगी। बंद कमरे में होनेवाली इस बैठक से पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके अलावा सागरदिघी उपचुनाव में पार्टी के नतीजे पर भी चर्चा हो सकती है।
नायक नहीं खलनायक…!
गुजरात के एक आईपीएस अधिकारी खुद को ‘सुपरहीरो’ होने के दावे के साथ सिंघम कहलाना पसंद करते हैं। कारण यह है कि कथित तौर पर उन्होंने कई गैंगस्टरों को सलाखों के पीछे डाल दिया है। अपने मुंह मियां मिट्ठू बने ये आईपीएस भले खुद को हीरो/नायक मानते हों लेकिन अन्य आईपीएस अधिकारियों के लिए वे एक प्रकार के खलनायक बनकर उभरे हैं क्योंकि अमदाबाद के बाहर स्थानांतरित होने के बावजूद उन्होंने सरकार द्वारा आवंटित घर खाली नहीं किया है और न ही खाली करने का उनका कोई इरादा है। कम से कम तीन आईपीएस अधिकारी, जो अमदाबाद स्थानांतरित होने के बावजूद बेघर हैं, अब इस मुद्दे को आईपीएस अधिकारी संघ और गृह विभाग के समक्ष उठाने की सोच रहे हैं।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।