अजय भट्टाचार्य
भस्मासुर का असर
भस्मासुर की कहानी सभी जानते हैं। केंद्रीय सत्ता प्रतिष्ठान पर काबिज पार्टी ने कई ऐसे भस्मासुर पाल रखे हैं, जो कथित हिंदुत्व और सनातन धर्म के स्वघोषित लड़ाके हैं और सोशल मीडिया से लेकर गली, मुहल्लों, सड़कों पर विभिन्न नामों के साथ भीड़तंत्र बनाकर मौजूद हैं। इस भीड़तंत्र ने उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के पौड़ी के भाजपा पार्षद यशपाल बेनाम की कथनी और करनी की धज्जियां उड़ा दी हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उनकी बेटी की शादी का निमंत्रण कार्ड सार्वजनिक होने के बाद बेनाम सोशल मीडिया की सनसनी बन गए। उनकी बेटी की २८ मई को एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी होने वाली थी। बेनाम को इस शादी से कोई समस्या नहीं थी। बेटी की खुशी के लिए यह शादी उनके लिए बिल्कुल ठीक थी। मगर बेनाम भूल गए कि जिस भीड़तंत्र का उनकी पार्टी समर्थन करती है, वह भीड़तंत्र उन्हें भी नही छोड़ेगा! भीड़ आई। सोशल मीडिया पर, हिंदुत्व के समर्थकों और भाजपा ने अंतर-धार्मिक विवाह के लिए सहमत होने पर उन पर हमला किया। पौड़ी के झंडा चौक पर उनके वैचारिक सहयोगियों विहिप व बजरंग दल ने नेताजी का पुतला फूंका। अमृतकाल के नए भारत में भीड़तंत्र के दबाव में बेनाम ने बेटी की शादी स्थगित कर दी।
धमका रही है सीबीआई
देश की कमोबेश सभी केंद्रीय एजेंसियों में होड़ लगी है कि दिल्लीशाही की जी हुजूरी में कमी न रह जाए। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इन दिनों बंगाल पर मेहरबान है और नोटिस देने के लिए उसकी कोई समयसीमा निश्चित नहीं है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि अभिषेक बनर्जी के घर पर जाकर सीबीआई के अधिकारियों ने धमकी दी थी। शिक्षक नियुक्ति मामले में कुंतल घोष की चिट्ठी में अभिषेक बनर्जी का नाम होने के कारण सीबीआई ने उन्हें तलब किया था। इसे लेकर सीबीआई द्वारा उन्हें नोटिस दी गई थी। मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने नवान्न में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को खींचकर अदालत में ले जाया गया, जो एक उपमुख्यमंत्री के लिए काफी अपमानजनक था। केजरीवाल के इस आरोप के बाद ही ममता बनर्जी ने कहा कि देर रात ढाई बजे अभिषेक के घर पर सीबीआई के अधिकारी गए थे। उस समय वह बांकुड़ा में थे। इसके बावजूद सीबीआई अधिकारियों ने धमकी देते हुए कहा, ‘अभी नोटिस लेना होगा, वरना कल पता चलेगा क्या होता है। सीएम ने कहा कि देशभर में एजेंसी राज चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार एजेंसी पर भरोसा कर सरकार चला रही है। इस कारण सबको मिलकर भाजपा का विरोध करना होगा और उन्हें हराना होगा।
सम्मान निधि पर संकट
जून के पहले सप्ताह में पीएम किसान सम्मान निधि की चौदहवीं किस्त जारी होनी है। लेकिन बिहार के १४.६० लाख किसान पीएम सम्मान निधि से वंचित हो सकते हैं। इन किसानों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराया है। सम्मान निधि के लिए किसानों को भूमि का सत्यापन और ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। ई-केवाईसी नहीं कराने वाले किसान सम्मान निधि से वंचित हो सकते हैं। राज्य में ऐसे किसानों की संख्या १४ लाख ६१ हजार ६२० है। जिन किसानों का बैंक खाता आधार से नहीं जुड़ा है, उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। सबसे कम शेखपुरा के ५,१३७ किसानों का ई-केवाईसी लंबित है। राज्य के ७,०७२० किसान ऐसे हैं, जिनका आधार में नाम गलत है। विभाग ने इन किसानों से भी नाम सुधरवाने की अपील की है, वहीं ई-केवाईसी कराने वाले सात लाख किसान ऐसे भी हैं, जिनका खाता एनपीसीआई से जुड़ा हुआ नहीं है। विभाग ने ऐसे किसानों से नजदीक के डाकघर में जाकर इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के जरिए खाता खुलवाने की अपील की है। सवाल यह है कि अब तक इन किसानों को बिना केवाईसी के निधि क्यों दी जा रही थी?
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।