अजय भट्टाचार्य
मध्य प्रदेश के डबरा से कांग्रेस विधायक सुरेश राजे इन दिनों कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी प्रवीण पाठक के लिए अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से झोली पैâलाकर वोट मांग रहे हैं। विधायक सुरेश राजे के इस अनोखे कारनामे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में विधायक सुरेश राजे प्रवीण पाठक के साथ मिलकर लोगों के सामने झोली पैâलाकर वोट मांगते दिख रहे हैं। राजे झोली पैâलाकर ग्रामीण वोटरों से कह रहे हैं कि जिस तरह से आपने मुझे जिताया उसी तरह से प्रवीण पाठक को भी जिताएं। मैं झोली पैâलाकर आपसे वोट मांगता हूं। आपने मेरी भी झोली दान से भरी थी। एक बार फिर सहयोग करें। डबरा सीट हमेशा कांग्रेस के कब्जे में रही है। इस सीट पर भाजपा के भारत सिंह कुशवाह और कांग्रेस के प्रवीण पाठक की जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है।
क्यों फुस्स हुए ‘बम’?
इंदौर में कांग्रेस ने जिस ‘बम’ के भरोसे ताल ठोंकी थी वह फुस्स हो गया है। सूरत के बाद इंदौर में भी भाजपा ने ऑपरेशन निर्विरोध चलाया और कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस लेने के साथ ही भाजपा का झंडा-डंडा थाम लिया। भाजपा के प्रति उमड़े उनके इस असीम प्रेम का कारण यह है कि उनका जमीन से जुड़ा एक विवाद कई दिनों से चल रहा है। कांति के नामांकन के बाद से पुलिस ने इस केस में गवाहों के बयान दर्ज करवाए। इससे कांति पर दबाव बढ़ गया। इस मामले में पुलिस ३०७ जैसी धारा भी लगा सकती है, जो कि हाफ मर्डर की धारा है। जमीन विवाद के अलावा एक मामला उनके कालेज से जुड़ा है। जिसको लेकर लगातार यह सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग से इसकी मान्यता ली। अब खबर थी कि शिक्षा विभाग ने कालेज की मान्यता संबंधी अनियमिताओं की जांच के लिए कमेटी बनाई थी। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर विभाग उनके कॉलेज की मान्यता भी रद्द कर सकता है। इसके अलावा शहर में उनके तीन शिक्षण संस्थान हैं, जिससे उन्हें काफी मुनाफा होता है। जाहिर है कि भाजपा लगातार कांति बम पर दबाव बना रही थी। इसके बाद लगातार हो रही शिकायतों और एफआईआर के बाद कांति ने शांति पाने के लिए भाजपा की सदस्यता मंजूर कर ली। इंदौर को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। १९८९ से २०१४ तक भाजपा नेता सुमित्रा महाजन इंदौर की सासंद रही हैं। पिछले चुनाव में इस सीट से जीते शंकर लखवानी को भाजपा ने दोबारा टिकट दिया है। अक्षय के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस दौड़ से बाहर हो गई है। इंदौर की एक अदालत ने २४ अप्रैल को १७ साल पहले दर्ज की गई एफआईआर में अक्षय के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने के आदेश दिए हैं। मामले में अक्षय के पिता भी आरोपी हैं। इस मामले में १० मई को अक्षय की पेशी है। अब कांग्रेस ने हाई कोर्ट में मोती सिंह को सिंबल देने की गुहार लगाई है। कांग्रेस की ओर से कानून का हवाला दिया गया है कि अगर नामांकन निरस्त हो, तो अपने आप ही डमी वैंâडिडेट को सिंबल मिल जाता है।
शाह के गढ़ में अनबन
गुजरात में राजकोट से शुरू हुआ क्षत्रिय समाज का भाजपा विरोधी अभियान अब गांव-गांव तक पहुंच गया है। आज यानी एक मई को अमदाबाद में क्षत्री स्वाभिमान रैली भी प्रस्तावित है। इस बीच खबर उड़ी कि गांधीनगर में कुछ बड़े भाजपा नेता कार्यकर्ताओं की बात पर ध्यान नहीं देते हैं। अखबारों में भी खबर छप गई। इस सीट पर भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह उम्मीदवार हैं। संगठन में अनबन की खबरों के बीच अमित शाह ने पिछले हफ्ते गांधीनगर में पार्टी कार्यालय का औचक दौरा किया। कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने शाह के लिए कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए जल्दबाजी में एक मंच तैयार किया। शाह ने कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने उनकी शिकायतें भी सुनी। उन्होंने बूथ प्रबंधन के टिप्स दिए और भारी मतदान सुनिश्चित करने को कहा। शाह का इशारा इन नेताओं को यह संदेश देना था कि भाजपा में पार्टी कार्यकर्ताओं का योगदान सर्वोच्च है और वे उनके कारण सम्मान के पात्र हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)