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झांकी : पोती का आगमन शुभ

  • अजय भट्टाचार्य

पोती का आगमन शुभ
चैत्र नवरात्र के दौरान लालू परिवार में लक्ष्मी का आगमन लालू प्रसाद के लिए शुभ साबित हुआ है। तेजस्वी की पत्नी राजश्री ने बेटी को जन्म दिया है। इधर पोती का जन्म हुआ उधर सीबीआई की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया, जिसमें लालू की जमानत रद्द करने का आग्रह किया गया था। दूसरी तरह से कहा जाए तो सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत याचिका को खारिज करने से इंकार कर दिया और लालू को नोटिस जारी करने से साफ मना कर दिया। झारखंड के डोरंडा राजकोष मामले में राजद सुप्रीमो की जमानत को चुनौती देनेवाली सीबीआई की याचिका को अदालत ने लंबित मामले से जोड़ दिया। इस मामले में लालू को पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि सीबीआई की ओर से दायर ऐसे ही लंबित मामले से इसे जोड़ रहे हैं। पीठ ने कहा कि वह एक साथ मामले की सुनवाई करेगी और नोटिस जारी करने की इच्छुक नहीं है।

प्रधान की घेराबंदी
भाजपा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के ढेंकानाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिसमें ढेंकानाल और अंगुल, या संबलपुर निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। २०१४ में केंद्रीय मंत्री बने प्रधान अंगुल के तालचेर शहर से हैं और उन्होंने ओडिशा से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। अभी यह साफ नहीं है कि वे विधानसभा चुनाव या आम चुनाव लड़ना चाहते हैं या नहीं। अगर धर्मेंद्र प्रधान लोकसभा चुनाव लड़ने का विकल्प चुनते हैं, तो वह ढेंकानाल या संबलपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी हाल की कुछ गतिविधियों से संकेत मिलता है कि वे चुपचाप जनता के मूड, दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की ताकत और अन्य कारकों का आकलन कर रहे हैं। भाजपा की इस चाल को समझते हुए ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने भी जवाबी तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा को संदेश भेजते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपनी पार्टी के नंबर दो नेता प्रणब प्रकाश दास, जिन्हें बॉबी के नाम से जाना जाता है, को ढेंकानाल, अंगुल, संबलपुर और क्योंझर जिलों के पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। नियुक्ति की घोषणा बीजद के अगले साल होनेवाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए विभिन्न जिलों के पर्यवेक्षकों के अपने लाइन-अप के पुनर्गठन के प्रयासों के तहत की गई थी। दास को नई जिम्मेदारी देने का पार्टी का पैâसला एक स्पष्ट संकेत है कि पार्टी प्रधान की चुनौती का सामना करने के लिए एक कदम आगे बढ़ा चुकी है।

पारस पर जाल
बिहार से एक और नई खबर आई है। रामविलास पासवान के निधन के बाद दो फाड़ हुई राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का पशुपति पारस वाले धड़े को निगलने के लिए भाजपा ने सुरसा की तरह मुंह फाड़ दिया है। खबर है कि बिहार में मिशन-२०२४ की रणनीति में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव को पटखनी देने के लिए भाजपा ने पांसे उछाल दिए हैं। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व में रालोजपा के सभी सांसद मंगलवार को प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे। यह चर्चा जोरों से गर्म है कि लोकसभा चुनाव से पहले पशुपति पारस की पार्टी के सभी सांसद भाजपा में शामिल होनेवाले हैं। मोदी और अमित शाह की योजना है कि लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की अधिकांश क्षेत्रीय पार्टियों को तोड़ दिया जाए या भाजपा में शामिल करा लिया जाए। यही कारण है कि उपेंद्र कुशवाहा को पहले लोभ देकर जदयू से तोड़ा गया। पशुपति पारस सहित उन सभी सांसदों को आश्वासन दिया गया है कि अगर वे भाजपा में शामिल होते हैं तो लोकसभा चुनाव में उनका टिकट फाइनल है। दरअसल, इसके पीछे पारस की मजबूरी समझी जा सकती है। पार्टी तोड़ने के बावजूद पारस खेमा पार्टी के कोर कार्यकर्ताओं को अपने साथ लाने में विफल रहा है। भाजपा में शामिल होकर कार्यकताओं की कमी पूरी हो सकती है और भाजपा को कार्यकर्ताओं के बदले दलित नेता मिल जाएगा। इतना तो तय है कि बिहार की राजनीति में कुछ बहुत बड़ा होनेवाला है।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।

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