अजय भट्टाचार्य
मलयालम अभिनेता उन्नी मुकुंदन के साथ मोदी की मुलाकात ने केरल के राजनीतिक पंडितों को अचंभित कर दिया है। अभिनेता अपर्णा बालमुरली और नव्या नायर के साथ, मुकुंदन सोमवार को युवम कॉन्क्लेव में मौजूद थे और उन्होंने मोदी के साथ बातचीत की। ‘आवता रहेजो सर’ के साथ सोशल मीडिया पर मुकुंदन ने ये तस्वीरें साझा की हैं। गुजरात में मलयाली माता-पिता से पैदा हुए मुकुंदन ने २०११ में तमिल फिल्म ‘सीडन’ के साथ अपनी फिल्म की शुरुआत की। उन्होंने बाबू जनार्दन द्वारा निर्देशित ममूटी के साथ १२ मार्च को बॉम्बे के माध्यम से मलयालम फिल्म उद्योग में प्रवेश किया। मुकुंदन को २०१७ में एक उत्पीड़न मामले में नामित किया गया था, जिसे आईपीसी की धारा ३५४ (शील भंग करने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत दर्ज किया गया था)। केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को रिश्वत देने की कोशिश करने के आरोपी वकील एडवोकेट सैबी जोस ने परीक्षण के माध्यम से अदालत में उनका प्रतिनिधित्व किया। केरल उच्च न्यायालय ने ७ मई, २०२१ को मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जब अभिनेता के वकील ने कहा कि मामला अदालत से बाहर सुलझा लिया गया था। हालांकि, इसी साल फरवरी में अदालत ने अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया, जब शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि मुकुंदन ने उसके नाम पर एक झूठा हलफनामा पेश किया था, जिसमें मामला अदालत से बाहर सुलझाने की बात कही गई थी। खबर है कि ऐसे प्रतिभाशाली कलाकार के जरिए भाजपा केरल में अपनी राजनीतिक बोहनी करना चाहती है। मुकुंदन को पलक्कड़ लोकसभा सीट के लिए उतारा जा सकता है।
बाहुबली सट्टेबाज
गुजरात के अमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को मनीष पटेल नामक एक क्रिकेट सटोरिए को पकड़ा। जैसे ही मनीष की गिरफ्तारी की खबर पैâली क्राइम ब्रांच के अफसरों के मोबाइलों से लेकर लैंड लाइन वाले टेलीफोन घनघना उठे। क्राइम ब्रांच की टीम को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कॉल का जवाब देने में कठिनाई का सामना करना पड़ा, जिन्होंने रविवार दोपहर को एजेंसी द्वारा पकड़े गए क्रिकेट बुकी मनीष पटेल के लिए नरमी बरतने का अनुरोध किया था। सिटी क्राइम ब्रांच से छनकर बाहर आई खबरों के अनुसार, मनीष पटेल को विपुल पटेल नाम के एक अन्य बुकी की ओर से चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर सट्टा लगाने के आरोप में पकड़ा गया था, जिसके कथित रूप से खाड़ी देशों से संबंध हैं। अपराध शाखा कार्यालय में लाए जाने के बावजूद, कुछ आईपीएस अधिकारियों सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एजेंसी से मनीष पटेल को रिहा करने का आग्रह किया। हालांकि, क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने अनुरोध नहीं माना और पटेल से पूछताछ जारी रखी। ऐसी अफवाहें हैं कि पटेल से पूछताछ से अवैध गतिविधियों में शामिल कुछ प्रमुख नामों का पर्दाफाश हो सकता है।
चुनाव पूर्व मतपेटी लुटी
निकाय से लिखे लोकसभा चुनाव तक मतपेटियां लूटने की खबरें सामान्य हैं मगर पार्टी का उम्मीदवार चुनने के लिए जब पार्टी के कार्यकर्ता आंतरिक मतदान की पेटी तहस-नहस कर दें तब सवाल उठते हैं। तृणमूल कांग्रेस, पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र की लूट के सवाल से जूझ रही है। दरअसल, पंचायत चुनाव के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी दो महीने के लिए जनसंपर्क यात्रा पर निकले हैं। परसों कूचबिहार से इसकी शुरुआत हुई है। इस दौरान पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों का गुप्त मतदान के जरिए चयन करना था इसलिए शुरुआत के दिन ही मतपेटी रखी गई थी। लेकिन इस मतपेटी को स्थानीय तृणमूल समर्थकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। कार्यकर्ताओं की भीड़ ने मतपेटी छीन ली और आपस में भिड़ गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मतपेटी तृणमूल के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी के मंच के ठीक पीछे रखी गई थी लेकिन अभिषेक बनर्जी के जाते ही मंच के पीछे लगी मतपेटी टूट गई। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मतपेटी वैâसे तोड़ी गई? स्थानीय लोगों का कहना है कि मतपेटी को लेकर तृणमूल के दो गुट भिड़ गए और धक्का-मुक्की होने लगी। इस दौरान ही मतपेटी के चिथड़े-चिथड़े उड़ गए। इस घटना के बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि इस तरह की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। फिर से चुनाव कराया जाएगा।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।