अजय भट्टाचार्य
ओडिशा के नवीन पटनायक ने गुरुवार को दिल्ली में प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद २०२४ के चुनावों के लिए किसी भी भाजपा विरोधी तीसरे मोर्चे के गठबंधन में शामिल होने की सभी अटकलों को खारिज कर दिया था। इसके ४८ घंटे बाद जब कर्नाटक विधानसभा और ओडिशा की झारसुगुड़ा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आए, तब उनके नए बयान ने खलबली मचा दी है। पिछले तीन दिन से भाजपा का थिंक टैंक पटनायक के इस बयान का विश्लेषण कर रहा है। पटनायक ने भाजपा के बहुप्रचारित-प्रसारित ‘डबल इंजन सरकार’ के नारे का कड़ा खंडन करते हुए कहा कि सिंगल या डबल इंजन मायने नहीं रखता है और जो लोगों को छूता है वह अच्छा और जन-समर्थक शासन है। उनके बयान ने फिर से कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के हाथों भारी नुकसान का सामना करने वाली भाजपा में उनकी राजनीतिक चालों के बारे में अटकलों के एक नए दौर को जन्म दिया है। झारसुगुड़ा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार दीपाली दास की प्रचंड जीत के बाद यहां बीजद मुख्यालय शंख भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि जन समर्थक और सुशासन हमेशा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करते हैं। ओडिशा की महिलाओं और लोगों का अपमान करने के लिए बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए बोले, जो लोग ओडिशा के लोगों को कानूनविहीन कहकर उनका अपमान करते हैं, वे हमारे राज्य के खिलाफ काम कर रहे हैं। राज्य की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं, बहनों और बेटियों का अपमान करनेवालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
अकेले मिलो…
किरन पटेल और संजय शेरपुरिया की गिरफ्तारी का असर यह है कि गुजरात में नौकरशाह आजकल काफी सतर्क हो गए हैं। पहले जब भी ऑफिस में होते थे तो लोगों से मिलते थे। उनमें से अधिकांश ने अब मिलने के लिए सख्त मानदंड लागू कर दिए हैं। अब उनसे मिलने के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी और मिलने के उद्देश्य का विस्तृत विवरण देना होगा। हाल ही में एक विधायक अपने एक सहायक के साथ एक वरिष्ठ नौकरशाह के कार्यालय में गया। हालांकि, अधिकारी इससे खुश नहीं थे, उन्हें विधायक की बात माननी पड़ी। उसने अप्रत्यक्ष रूप से पूछा कि दूसरा आदमी कौन था। अधिकारी ने अज्ञात व्यक्तियों से उत्पन्न होनेवाले अनावश्यक विवादों की संभावना पर जोर देते हुए विधायक को अगली बार अकेले आने की सलाह दी।
नेता सिर्फ एक
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को दरभंगा में थे। हर चौक-चौराहे पर कार्यकर्ताओं ने ललन सिंह का स्वागत किया। मंच पर पहुंचते ही जेडीयू कार्यकर्ताओं का जोश हुड़दंग में बदल गया और वे अपने-अपने नेता को सांसद प्रत्याशी बनाने को लेकर नारेबाजी करने लगे। कोई संजय झा जिंदाबाद तो कोई अली असरफ फातमी जिंदाबाद करने लगा। दरभंगा का सांसद वैâसा हो अली असरफ फातमी जैसा हो, जैसे नारे लगा रहे थे। स्वागत कार्यक्रम में इस नारेबाजी से परेशान और नाराज होकर अध्यक्ष ललन सिंह मंच से उतर कर मंच के सामने कुर्सी पर आ कर बैठ गए और काफी नाराज दिखे। उनके बगल में संजय झा बैठ गए। साथ ही विधायक विनय चौधरी भी आ कर खड़े हो गए, लेकिन मंच पर अली असरफ फातमी बैठे रहे। मंत्री मदन सहनी सहित कई नेता मंच पर बैठे रहे। माहौल गर्म था। हद तो तब हो गई जब बच्चों के हाथों में स्लोगन लिखे बैनर भी थमा दिए गए। बैनर पर अध्यक्ष के स्वागत के साथ अली असरफ फातमी को दरभंगा का भावी सांसद बताया गया था और निवेदक के नाम पर उनके पुत्र और पूर्व विधायक फराज फातमी का नाम लिखा था। फातमी खुद को शर्मिंदा होने की बात कहते हुए कार्यकर्ताओ को नारा नहीं लगाने की बात कहते हुए अध्यक्ष ललन सिंह को मंच पर आने को लगातार कई बार कहते रहे, लेकिन अध्यक्ष मंच पर नहीं आए, अंत में फातमी ने कहा वो नीचे ही रहेंगे। बाद में ललन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पार्टी का नेता सिर्फ एक है उसका नाम है नीतिश कुमार। पार्टी भी एक है उसका नाम जनता दल यूनाइटेड। हम सब केयर टेकर हैं। चाहे वो हम, अली असरफ फातमी, मदन सहनी, संजय झा या मंगनीलाल मंडल हों। एक नारा लगाइए नीतिश कुमार जिंदाबाद, जनता दल यूनाइटेड जिंदाबाद और किसी का नारा कभी मत लगाइए।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।