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झांकी : राज्यसभा पहुंचा टमाटर

अजय भट्टाचार्य

राज्यसभा पहुंचा टमाटर
पिछले करीब २ महीनों से टमाटर समेत अन्य सब्जी के बढ़ते दामों की वजह से आम जनता परेशान है। हालत यह है कि टमाटर की कीमतों ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं और उनका किचन का बजट ही बिगड़ गया है। टमाटर के बढ़ते दामों से एक ओर जहां आम जनता परेशान है, तो वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सुशील गुप्ता बुधवार को विरोध स्वरूप टमाटर और अदरक की माला पहने राज्यसभा भवन परिसर में दिखाई दिए। उनका कहना है कि टमाटर के बढ़ते दाम से हर व्यक्ति परेशान है, ऐसे में केंद्र सरकार को जगाना जरूरी है। उधर, दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर में भी अब भी टमाटर के दाम २००-२५० रुपए प्रति किलोग्राम के बीच हैं। बढ़ते दामों के चलते ज्यादातर उपभोक्ताओं ने अब टमाटर नहीं खाने तक का पैâसला ले लिया है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी आनेवाले टमाटर मंडियों में काफी महंगे बेचे जा रहे हैं। पिछले दिनों राहुल गांधी तो टमाटर की बढ़ती कीमतों के बीच इसका भाव जानने देश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर मंडी पहुंच गए थे। सुबह-सुबह चार बजे मंडी पहुंचे राहुल ने टमाटर के साथ ही अन्य सब्जियों की कीमतों के संबंध में जानकारी ली थी और व्यापारियों के साथ श्रमिकों की समस्याएं भी सुनीं थीं।

घाटी के बंटी-बबली
मार्च में गुजरात के एक ठग किरणभाई पटेल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। किरणभाई ने काफी समय तक प्रधानमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की तरह काम किया था और जेड-प्लस सुरक्षा कवर और अन्य अधिकारों का लाभ उठाते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ अच्छा समय बिताया था। वीवीआईपी दर्जे का आनंद लेने के अलावा उसने कुछ सुरक्षा-संवेदनशील स्थानों का भी दौरा किया था। किरणभाई जो बीज बोकर आए वे अब फलीभूत हो रहे हैं। अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक दंपति बंटी-बबली को आईपीएस और आईएएस अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मनमोहन गंजू और उनकी पत्नी आयुष कौल गंजू के रूप में हुई है। मनमोहन एक निलंबित पुलिसकर्मी है। उसके घर से लैपटॉप, मोबाइल फोन, नकदी, आभूषण, फर्जी ट्रांसफर और जॉइनिंग लेटर समेत अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं। उन्होंने नौकरी दिलाने और ट्रांसफर कराने के नाम पर कई लोगों से ठगी की है। मनमोहन गंजू खुद को आईपीएस अधिकारी बताता था। जबकि, उसकी पत्नी खुद को आईएएस अधिकारी होने का दावा करती थी। इनके कब्जे से कई ट्रांसफर और अपॉइंटमेंट लेटर मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा १७०, ४१९, ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ के तहत सदर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। ठग दंपती के शिकार तीन लोग अब तक सामने आए हैं।

वसूली की सूली
देश की जनता से किस तरह अप्रत्यक्ष वसूली हो सकती है इसका उदाहरण देश की सभी सरकारी बैंकों द्वारा नियमों के नाम पर की गई वसूली है। देश के सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के पांच बैंकों ने नियमों की आड़ लेकर अपने ग्राहकों से ३५,५८७.६८ करोड़ रुपए वसूले हैं। पिछले पांच (२०१८ से अब तक) वर्षों में ३५ हजार करोड़ से ज्यादा की वसूली की है। इनमें खाते में न्यूनतम जमा रकम न होने पर २१, ०४४.०४ करोड़ रुपए, एटीएम में तय सीमा से अधिक आर्थिक व्यवहार/निकासी पर ८२८९.३२ करोड़ रुपए बैंकों ने एसएमएस चार्ज की मद में वसूला है। दूसरी और बैंकों में जमा आम जनता की रकम ७३ हजार करोड़ खाकर १२० कंपनियां अंतर्ध्यान हो गईं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मार्च २०२३ में ७१,२८७ रुपए के बकाया वाले १२० मामलों (कंपनियों) को अलग-अलग वसूली श्रेणी में वर्गीकृत किया है। मार्च २०२२ में ऐसी लापता कंपनियों की संख्या ९४ थी। इन अनटाइटल कंपनियों को लुप्त हो चुकी कंपनियां माना जाता है जो जनता से धन जुटाने के बाद गायब हो गईं। इसके अलावा मार्च २०२३ तक `निष्क्रिय कंपनी’ श्रेणी में ३४१ कंपनियां थीं, जबकि पिछले वर्ष में यह संख्या २३८ थी। सेबी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि बिना किसी कुर्की के पिछले वर्ष में ४९ मामले थे,जो अब बढ़कर ८३ हो गए हैं। कुल ३०७ मामले विभिन्न न्यायाधिकरणों, अदालतों में हैं जिनमें ८८१२७ करोड़ रुपए वसूल किये जाने हैं।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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