मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : नीतीश-आनंद मोहन की अचानक बैठक

झांकी : नीतीश-आनंद मोहन की अचानक बैठक

अजय भट्टाचार्य

बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की कल गुरुवार को अचानक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बंद कमरे में बैठक हुई। बैठक के बाद बिहार की राजनीति में अटकलें बढ़ गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि आनंद मोहन बहुत जल्द जदयू में शामिल हो सकते हैं। कल अचानक वह मुख्यमंत्रीआवास पहुंचे। चर्चा है कि जाति आधारित जनगणना को लेकर आनंद मोहन ने नीतीश कुमार से मुलाकात की है। आनंद मोहन का मनाना है कि बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना करवा कर अच्छा काम किया है लेकिन जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसमें कुछ त्रुटि है, इसमें सुधार की आवश्यकता है। आनंद मोहन ने जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट में आई त्रुटियों में सुधार लाने की मांग सीएम नीतीश कुमार से की है। एक दिन पहले ही पटना आने से पहले खगड़िया में मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार सरकार की तारीफ की थी।

जदसे में इस्तीफा सत्र
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर के गठबंधन ने जदसे में तूफान खड़ा कर दिया है। सैकड़ों नेता और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफे देने की झड़ी लगा दी है। इनमें से अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। परसों मैसूर शहर के नरसिम्हराजा विधानसभा क्षेत्र के अब्दुल खादर सहित १०० से अधिक पदाधिकारियों ने जेडीएस से इस्तीफा दे दिया। जेडीएस के चुनाव चिह्न पर विधानसभा चुनाव लड़नेवाले खादर के मुताबिक, भाजपा और आरएसएस पूरे देश में मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रही है। नफरत की राजनीति कर रही है। वे मुस्लिम समुदाय को परेशान कर रहे हैं। भाजपा नेता खुले तौर पर कहते हैं कि वे नहीं चाहते हैं कि मुस्लिम उनको वोट दें। ऐसे में हम सभी इस बात से दुखी हैं कि जेडीएस कर्नाटक में बीजेपी के साथ गठबंधन में है। मुस्लिम नेताओं ने कहा कि उनके मन में जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के लिए सम्मान है, लेकिन भाजपा के लिए नहीं। इस्तीफा देनेवाले जेडीएस अल्पसंख्यक नेताओं ने जेडीएस अध्यक्ष सीएम इब्राहिम से भी आग्रह किया कि वह तुरंत इस्तीफा दें। सीएम इब्राहीम केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। जेडीएस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद शफीउल्ला साहब ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। जेडीएस की प्रवक्ता रहीं यूटी फरजाना अशरफ ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। फरजाना ने जेडीएस मीडिया सेल के प्रमुख श्रीकांत गौड़ा को लिखे पत्र में कहा कि वे `वैचारिक मतभेदों के कारण’ पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे रही हैं।

तेलंगाना भाजपा में असमंजस
रविवार को प्रधानसेवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेलंगाना के महबूबनगर में सार्वजनिक रैली से भाजपा नेतृत्व की हवाइयां उड़ी हुई हैं। कारण यह है कि इस रैली और भाजपा के आधिकारिक कार्यक्रमों से पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता गायब रहे। स्थानीय राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह मुद्दा अब भाजपा के भीतर चर्चा का विषय बन गया है। मोदी की बैठक में शामिल न होनेवालों में आदिलाबाद से भाजपा सांसद सोयम बापू राव, पूर्व सांसद कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, जी विवेक वेंकटस्वामी और एम विजयशांति, पूर्व विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी, जी विजयराम राव और एनुगु रविंदर रेड्डी शामिल हैं। पीएम मोदी के कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री व राज्य भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बंडी संजय समेत कुछ दूसरे नेताओं को देखा गया था। इनमें भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य जी लक्ष्मण, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीके अरुणा और अन्य नेता शामिल हैं। तेलंगाना भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने ऑफ दि रिकॉर्ड यह स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री की बैठक में वरिष्ठ नेताओं के न जाने से पार्टी को गलत संकेत गया है। चर्चा है कि बापू राव जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। मजे की बात तो यह है कि पूर्व सांसद जी विवेक मोदी के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर तो नजर आए थे, लेकिन वे सार्वजनिक बैठक में नजर नहीं आए। एम विजयशांति को लेकर कहा गया कि उन्हें बुखार था इसलिए वे मोदी की मीटिंग में नहीं आ सकीं। मगर, उन्होंने खुद इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया। पूर्व विधायक कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी काफी समय से पार्टी गतिविधियों से दूर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि वे भाजपा छोड़ने या न छोड़ने पर जल्द ही पैâसला लेंगे। भाजपा के इन असंतुष्ट नेताओं ने बीते रविवार से पार्टी की स्थिति पर चर्चा के लिए तीन बार मुलाकात की है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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