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झारखंड विधानसभा चुनाव : भाजपा का खेल बिगाड़ेंगे नीतीश! …नया मोर्चा बनाने की कर रहे हैं तैयारी

-हेमंत पर ही लगेगा ‘इंडिया’ का दांव!
-एनडीए के पास नहीं है सीएम का चेहरा
सामना संवाददाता / रांची
झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और भाजपा इस बार सरकार बनाने के सपने देख रही है। मगर इस बार भाजपा का खेल बिगाड़ने की तैयारी कोई और नहीं बल्कि फिर से उनके साथ आए बिहार के सीएम नीतीश कुमार कर रहे हैं। असल में वे झारखंड चुनाव के लिए एक नया मोर्चा बनाने की कोशिश में हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, नए सियासी मोर्चे के गठन की खास बात यह है कि इस मोर्चे से इस बार भाजपा को झटका लगनेवाला है। दरअसल, नीतीश कुमार झारखंड में अपनी पार्टी की खोई हुई जमीन फिर से हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए वह कुछ छोटी पार्टियों और सियासी समूहों को अपने साथ ला सकते हैं। साल २०१९ के विधानसभा चुनाव में झारखंड के तत्कालीन सीएम रघुवर दास को जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर हराने वाले दिग्गज नेता सरयू राय की ‘भारतीय जन मोर्चा’ पार्टी है।

झारखंड विधानसभा चुनाव पर पटना में हुआ मंथन … नीतीश कर सकते हैं खेला

राजनीतिक दलों ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार बिहार के मुख्यमंत्र्घ्ी नीतीश कुमार झारखंड में कुछ बड़ा खेला करने के मूड में हैं। सूत्र बताते हैं कि हाल ही में पटना में नीतीश कुमार और सरयू राय ने झारखंड में सियासी संभावनाओं पर मंथन किया। बैठक के बाद सरयू राय ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू झारखंड में एनडीए फोल्डर से अलग है। उन्होंने भारतीय जन मोर्चा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। यह इस बात का साफ संकेत है कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार चलाते हुए असहज महसूस कर रहे हैं।
बता दें कि इस बार ‘इंडिया’ गठबंधन वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ही दांव लगाएगा, जबकि एनडीए के पास सीएम का चेहरा नहीं है। ऐसे में नया मोर्चा भाजपा की परेशानी बढ़ाएगा। इस मामले में सरयू राय ने कहा, ‘कोशिश हो रही है कि झारखंड में एनडीए और ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग तीसरा मोर्चा गठित हो। इसका उद्देश्य झारखंड में दोनों गठबंधनों से निराश जनता के बीच एक नया राजनीतिक विकल्प पेश करना है। इसके तहत कई अन्य नेताओं और राजनीतिक संगठनों को साथ लाने पर चर्चा चल रही है।’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार की पार्टी का बीते एक-डेढ़ दशक में झारखंड में जनाधार लगातार घटता चला गया। साल २००० में जब झारखंड अलग राज्य बना था, तब नीतीश कुमार समता पार्टी के सुप्रीमो थे। यहां उनकी पार्टी के पांच विधायक थे। साल २००३ में नीतीश कुमार ने समता पार्टी की जगह जनता दल यूनाइटेड बनाई। २००५ में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू का गठबंधन हुआ। भाजपा ने राज्य की ६३ और जदयू ने १८ सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें जदयू ने छह सीटें जीतीं थीं। २००९ का चुनाव भी दोनों ने साथ मिलकर लड़ा, लेकिन २०१४ के चुनाव में दोनों पार्टियों की दोस्ती टूट गई। इसके बाद से झारखंड में जदयू की जमीन खिसकती चली गई। अब जदयू एक बार फिर से पुरानी जमीन हासिल करना चाहती है।

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