सामना संवाददाता / गाजीपुर
पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वर्ष २०२२ के सितंबर महीने में घटित एमएमएस कांड की पुनरावृत्ति गाजीपुर के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में देखने को मिली है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में नहाती हुई लड़कियों के वीडियो बनाने की तर्ज पर गाजीपुर स्थित मेडिकल कॉलेज की छात्रा साथी छात्राओं की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाकर सीनियर छात्र को भेज रही थी, जिसके बाद पीड़ित छात्राओं के साथ ब्लैकमेलिंग का खेल खेले जाने का खुलासा होने से सूबे में हड़कंप मच गया है। इस मामले में आरोपी छात्रा और छात्र के एक विशेष समुदाय से संबंधित होने के कारण ऐसी आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये कृत्य किसी जिहादी मानसिकता के तहत तो नहीं किया जा रहा था?
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया, जब छात्राओं की आपत्तिजनक फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किए जाने का खुलासा हुआ।
आरोप है कि होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा शबनम (बदला हुआ नाम) अपने साथ रह रही छात्राओं की आपत्तिजनक फोटो क्लिक कर वीडियो बना रही थी। वह इन फोटोज और वीडियो को अपने सीनियर छात्र मोहम्मद उमर (बदला हुआ नाम) को भेज रही थी। शबनम द्वारा मेडिकल कॉलेज की छात्राओं की जो फोटोज और वीडियो भेजा गया था, उसके आधार पर उमर शिकार बनीं छात्राओं को ब्लैकमेल कर रहा था। कुछ छात्राओं द्वारा हिम्मत करके इसकी शिकायत किए जाने के बाद हड़कंप मच गया। शिकायत की जांच करवाई गई तो आरोप सही पाए गए, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोनों को ६ महीने के लिए निलंबित कर दिया।
गौरतलब हो कि कुछ पीड़ित छात्राओं ने ७ अगस्त को सामूहिक रूप से शिकायत की थी कि बीएचएमएस द्वितीय वर्ष का छात्र उमर अपनी जूनियर बीएचएमएस प्रथम वर्ष की छात्रा शबनम की मदद से अन्य छात्राओं की आपत्तिजनक फोटोज और वीडियो बनवाकर उनके आधार पर कई छात्राओं को ब्लैकमेल कर रहा है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एस.के. त्रिपाठी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों को ६ माह के लिए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक जांच कमेटी बैठा दी है, जो अपनी रिपोर्ट एक माह में सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।