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ईडी सरकार के राज में जेजे अस्पताल हुआ बीमार … असुविधाओं की हुई भरमार

– मरीजों का हो रहा बुरा हाल
– अब अस्पताल को है इलाज की दरकार
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
ईडी सरकार द्वारा संचालित मुंबई का सबसे बड़ा जेजे अस्पताल मरीजों के रोगों का इलाज करते-करते अब खुद भी बीमार हो गया है। अस्पताल में जहां दवाइयों की किल्लत है, वहीं एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे कराने के लिए लंबी तारीखे दी जा रही है। इतना ही नहीं, खून की कई जांच अस्पताल में हो ही नहीं रही हैं। इस तरह की अन्य कई असुविधाओं की भरमार से इलाज कराने पहुंच रहे मरीज बेहाल हो चुके हैं। मरीजों का कहना है कि अब इस अस्पताल को इलाज की दरकार है।
उल्लेखनीय है कि ईडी सरकार के राज में सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। अस्पतालों की स्थिति ऐसी है कि कहीं दवाओं की कमी है तो कहीं पर चिकित्सकों और अन्य सुविधाओं का अभाव है। इन कमियों के चलते रोजाना मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में मुंबई के सबसे मशहूर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में से एक जेजे अस्पताल की गिनती बड़े अस्पतालों में होती है। इस अस्पताल में मुंबई और महाराष्ट्र समेत देशभर से मरीज इलाज के लिए आते हैं। वहीं जेजे अस्पताल में बदहाली की परतें दिन ब दिन खुलती रही हैं। मरीजों के रिश्तेदार परिसर में यहां-वहां आराम फरमाते नजर आते हैं, जिससे यहां आने-जानेवाले लोगों को परेशानी होती है। इसके अलावा ओपीडी से लेकर इमरजेंसी और अस्पताल में भर्ती मरीज तक यहां असुविधाओं की मार झेल रहे हैं। यहां तक कि आईसीयू में भर्ती मरीज भी बदहाली से अछूते नहीं हैं। इतना ही नहीं, अस्पताल में सर्जरी कराने के लिए आनेवाले मरीजों का भी हाल बेहाल है।
४३ एकड़ में फैले जेजे अस्पताल में हर दिन ३,००० से ४,००० मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। साथ ही सैकड़ों भर्ती मरीजों का इलाज किया जाता है। फिलहाल, यह कई खामियों से जूझ रहा है। इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा है। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी है, जिस कारण ओपीडी में आनेवाले मरीजों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है और घंटो बाद उनका नंबर आता है।

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