मुख्यपृष्ठनए समाचारजॉनसन का ‘ब्रेक जाम’! बुरी फंसी बेबी टेलकम पाउडर बनानेवाली कंपनी

जॉनसन का ‘ब्रेक जाम’! बुरी फंसी बेबी टेलकम पाउडर बनानेवाली कंपनी

  • सेटलमेंट के लिए करेगी ८.९ अरब डॉलर का भुगतान

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
बेबी प्रोडक्ट बनानेवाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ‘जॉनसन एंड जॉनसन’ बुरी तरह से फंस चुकी है। उसके ऊपर पूरी दुनिया में कई मुकदमे चल रहे हैं। उसके ऊपर उसके द्वारा उत्पादित बच्चों के टेलकम पाउडर से कैंसर होने का आरोप है। अब कंपनी दावे के सेटलमेंट के लिए ८.९ अरब डॉलर खर्च करने को तैयार है।
बेबी पाउडर बनानेवाली इस कंपनी का न्यू जर्सी में हेडक्वॉर्टर है। कंपनी ने कहा है कि एक बैंकरप्सी कोर्ट द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद उसका यह प्रस्ताव स्वीकार किया जा सकता है।
कॉस्मेटिक पाउडर से संबंधित याचिका के सभी दावे इस पैसे से निपटा दिए जाएंगे। अमेरिका में जॉनसन का ८.९ अरब डॉलर का यह भुगतान किसी प्रोडक्ट की लायबिलिटी सेटलमेंट से जुड़ा सबसे बड़ा मामला साबित हो सकता है। जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ बेबी टेलकम पाउडर को लेकर हजारों मुकदमे लंबित हैं। आरोप लगाया गया है कि जॉनसन का बेबी टेलकम पाउडर यूज करने से बच्चों में कैंसर होता है। बेबी पाउडर से कैंसर होने के आरोप में अमेरिका में हजारों करोड़ रुपयों के जुर्माने चुका रही जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को मुंबई हाईकोर्ट ने पाउडर बनाने की तो अनुमति दी है, लेकिन इसे बेचने पर लगी रोक जारी रखी है। कोलकाता की सरकारी प्रयोगशाला की जांच में कंपनी के पाउडर की पीएच वैल्यू सुरक्षित सीमा से अधिक मिली थी, इस पर महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में जॉनसन कंपनी का लाइसेंस रद्द कर उत्पादन रोक दिया था। इसके खिलाफ दायर कंपनी की याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था। यह पहली बार नहीं है जब जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर होने के आरोप लगे हैं। जॉनसन ने इस आरोप के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी है। इस वजह से जॉनसन प्रोडक्ट के डिमांड में भी गिरावट आई थी।
बंद करेगी बेबी पाउडर का उत्पाद
जॉनसन एंड जॉनसन ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वह साल २०२३ से बेबी पाउडर का प्रोडक्शन बंद कर देगी। पिछले साल अगस्त-सितंबर में ‘द गार्जियन’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यूएस ड्रग कंट्रोल एजेंसी की एक जांच में जॉनसन के बेबी पाउडर के एक नमूने में कार्सिनोजेनिक क्राइसोटाइल फाइबर पाए गए थे, जिससे वैंâसर होने का खतरा होता है।

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