•२३ वर्ष पूर्व सुल्तानपुर में रोड जाम कर आंदोलन का मामला
विक्रम सिंह/सुल्तानपुर।
जनसमस्याओं को लेकर सड़क जाम कर धरना प्रदर्शन के मामले में दोषी ठहराए गए ‘आप’ सांसद संजय सिंह व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनूप संडा सहित छह अभियुक्तों को डेढ़ माह के कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद आत्मसमर्पण न करने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया। नाराज विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को ‘आप’ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सपा के मौजूदा राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अनूप संडा समेत छह अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
ये है मामला – आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूर्व विधायक अनूप संडा मूलतः यूपी के सुल्तानपुर शहर के निवासी हैं। दोनों पहले साथ-साथ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के जरिये सुल्तानपुर की राजनीति में सक्रिय थे। उसी दौरान दोनों की अगुवाई में सन २००१ में बिजली-पानी समेत विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर शहर के सुभाषनगर तिराहे पर सड़क जाम कर बड़ा धरना-प्रदर्शन हुआ। जिसमें इन दोनों के साथ तत्कालीन क्षेत्रीय सभासद कमल श्रीवास्तव, भाजपा नेता पूर्व सभासद विजय सिंह सेक्रेटरी, संतोष अग्रहरि व सुभाष चौधरी आदि भी शामिल थे। आंदोलनकारियों के सड़क जाम कर प्रदर्शन से पुलिस-प्रशासन नाराज हो उठा। नगर कोतवाली के हल्का दारोगा एके सिंह ने आंदोलन के नेताओं को नामजद करते हुए एफआईआर कर आरोप पत्र कोर्ट भेज दिया। विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए) में २३ वर्षों तक ट्रायल चला। अंततः सभी आरोपियों को डेढ़-डेढ़ माह कारावास व १५०० रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसकी अपील अभियुक्तों ने प्रवर न्यायालय में की लेकिन गत सप्ताह उसे भी संबंधित न्यायालय ने खारिज कर दिया। जिसके बाद न्यायाधीश ने गत ९ अगस्त को कोर्ट में समर्पण करने की तिथि तय कर दी। इसपर अभियुक्तों ने वकील रुद्रप्रताप सिंह मदन के माध्यम से मौका देने की गुजारिश की। जिसे विशेष न्यायाधीश शुभम वर्मा ने खारिज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के आदेश जारी कर दिए हैं।