१५० मीटर के दायरे में नहीं बैठ सकते फेरीवाले हाईकोर्ट ने दिया है आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
शहर में उपनगरीय स्टेशनों के आसपास के परिसर काफी संकरे हैं। वहां फेरीवालों का कब्जा रहता है, जिससे यात्रियों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। वहां दुकानों में किया गया अवैध निर्माण भी काफी मुसीबत पैदा करता है। ऐसे में रेलवे की ‘अमृत भारत स्टेशन’ योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है। इसीलिए रेलवे ने विभिन्न मनपाओं को इसे गंभीरता से लेने का अनुरोध किया है।
बता दें कि मध्य रेलवे के अधिकारियों ने स्टेशनों के बाहर गंदगी को साफ करने के लिए मुंबई, ठाणे और कल्याण में मनपा से ‘गंभीरता बरतने का अनुरोध’ किया है। मध्य रेलवे ने उनसे कहा, ‘अगर रेलवे स्टेशन के बाहर की स्थिति में सुधार नहीं किया जाता है तो रेलवे स्टेशनों को बेहतर बनाने का प्रयास व्यर्थ साबित होगा।’
मालाड में हुई थी कार्रवाई
हाल ही में मनपा ने मालाड स्टेशन के पश्चिम की ओर के क्षेत्र को कम करनेवाले कई अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया। ऐसी ही स्थिति गोरेगांव स्टेशन के बाहर है। जगह की कमी और ध्वनि प्रदूषण ऐसी दो समस्याएं हैं, जिनसे यात्री हमेशा परेशान रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस अधिकारी जवंत पवार ने माना कि ऑटो-रिक्शा ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा, ‘ये वाहन सड़क के किनारों के बीच की संकरी जगह से गुजरते हैं, जिससे लोगों के चलने के लिए कोई जगह नहीं बचती।’
योजना से होना है स्टेशनों का कायाकल्प
‘अमृत भारत स्टेशन’ योजना के तहत किए जा रहे काम के बारे में बताते हुए संबंधित नागरिक अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था। ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत मध्य रेलवे, मेन और हार्बर लाइनों पर भायखला, माटुंगा, दिवा, मुंब्रा और टिटवाला जैसे १५ स्टेशनों का कायाकल्प करेगा, ताकि उन्हें आकर्षक, उपयोगी और यात्रियों की सुविधा के अनुकूल बनाया जा सके।