सामना संवाददाता / चंडीगढ़
मनोहर लाल खट्टर को जब हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, तभी से राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी की चर्चा होने लगी। कहा गया कि खट्टर को हटाकर उनके १० साल के शासन के दौरान की एंटी इनकंबेंसी को दूर करने का प्रयास किया गया। लेकिन १० सालों की एंटी इनकंबेंसी और अग्निवीर की नाराजगी भाजपा को ले डूबेगी। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य की कमान नायब सिंह सैनी को सौंपी गई। अब जब चुनाव की तारीख का एलान हो गया तो इसकी चर्चा फिर से होने लगी। खट्टर को हटाकर भाजपा ने जो दांव सैनी पर खेला, पार्टी को इसमें बहुत सफलता मिलती हुई नहीं दिख रही है। जानकार बता रहे हैं कि पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का मामला कम होता हुआ नहीं दिख रहा है। इसके अलावा भी सामने कई चुनौतियां हैं।