मध्य प्रदेश के प्रतिभाशाली जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। कपिल ने पुरुषों की जे१-६० किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक के मुकाबले में ब्राजील के एलिल्टन डी ओलीवेरिया को हराकर यह सफलता प्राप्त की है। २४ वर्षीय भारतीय जूडोका ने जे -१ क्लास इवेंट में चैंप-डे-मार्स एरिया में कांस्य पदक मैच १०-० से जीता। कांस्य पदक मैच में कपिल ने ब्राजील के एलिल्टन डी आलीवेरिया को मैट पर मात दी। कपिल मूलत सीहोर के निवासी है। वर्ष २००९-१० में करेंट लगने से उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। कपिल ८० प्रतिशत ब्लाइंड है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जूडो को खेलना प्रारंभ किया था। यह उनका पहला पैरालिपिंक है। कपिल अब तक १७ अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने अब तक ०८ स्वर्ण पदक सहित कुल १३ अंतर्राष्ट्रीय पदक अर्जित किए हैं। परमार का पैरालिंपिक कांस्य पदक उनकी बढ़ती अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों की सूची में जुड़ गया है। २०२२ में उन्होंने एशियाई खेलों में उसी भार वर्ग में रजत पदक हासिल किया, जिससे प्रतियोगिता के उच्चतम स्तरों पर उनकी निरंतरता का पता चलता है। परमार का कांस्य पदक पैरालिंपिक खेलों में भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।