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फिर मंडराएगा कारगिल का खतरा … पाकिस्तान के ६०० कमांडो तबाही की तैयारी में! … जम्मू के पूर्व डीजीपी का सनसनीखेज दावा

सामना संवाददाता / श्रीनगर
पाकिस्तान अपने नापाक साजिश करने से बाज नहीं आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी गंदी करतूत के तहत हजारों पाक सैनिकों की घुसपैठ करा रहा है। यह कारगिल जैसी एक और लड़ाई शुरू करने जा रहा है। पीओके क्षेत्र के अयूब मिर्जा ने २८ जुलाई को ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इस तरह के कई सनसनीखेज दावे किए हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी झ्ध्ख् के मशहूर और जाने-माने एक्टिविस्ट और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने जम्मू कश्मीर में एक हमले की आशंका जताई है। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में डॉ. अमजद अयूब मिर्जा एक के बाद एक कई चौंकाने वाला दावा किया है। उनका दावा है कि पाकिस्तानी सेना फिर से कारगिल जैसे भारत में घुसपैठ कर हमले की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि ६०० पाकिस्तानी कमांडो जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में छिपे हैं। अब उन्होंने सोमवार को किए सोशल मीडिया पोस्ट एक्स में चिंता जताई है कि भारत सरकार और मीडिया इसपर ध्यान क्यों नहीं दे रही है?

अयूब मिर्जा ने कहा कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में जो हमले हुए हैं, उन्हें आतंकियों ने नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना ने अंजाम दिया है। पाकिस्तानी सेना के एसएसजी के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल आदिल रहमानी ने जम्मू क्षेत्र में हमले कराए हैं। मिर्जा ने दावा किया कि एसएसजी का पूरा एक बटालियन भारत में घुसपैठ कर गया है। ये कुपवाड़ा क्षेत्र और अन्य स्थानों पर छिपे हैं। पीर पंजाल और शम्सबारी पहाड़ों के बीच स्थित कुपवाड़ा क्षेत्र आतंकवादियों और पाकिस्तानी सेना के छिपने के लिए आदर्श स्थान है।
मिर्जा ने बताया कि आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल के आतंकी पाकिस्तानी सैनिकों की मदद कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहिद सलीम जंजुआ जम्मू में हमलों की कमान संभाल रहे हैं। इसका लक्ष्य भारतीय सेना की १५वीं कोर से भिड़ना है। बता दें कि १९९९ में करीब ५ हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने कारगिल में घुसपैठ की थी। इस जंग में पाकिस्तान की हार हुई थी। उसने अपने सैनिकों के शव लेने तक से इनकार कर दिया था। ६२ दिनों तक चली कारगिल की लड़ाई में भारत के ५२७ जवान शहीद हुए थे।

खाना, ठिकाना और वाई-फाई…
कौन कर रहा आतंकियों की मदद?
जम्मू कश्मीर में हालिया समय में आतंकी घटनाओं में इजाफा हुआ है। जिस तरह से आतंकवादी सेना के जवानों पर हमला कर रहे हैं और छिप जा रहे हैं, उससे एक पैटर्न बनने लगा है और लोकल सपोर्ट का शक गहराने लगा है। सेना के अफसरों का भी मानना है कि जिस तरह से हमले हो रहे हैं और उसके बाद आतंकवादी घने जंगलों में छिपने में सफल हो रहे हैं, वह बिना स्थानीय लोगों की मदद के संभव नहीं। हाल ही में जम्मू में कुछ लोगों को इसी सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

 

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