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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर नटवर नागर की भक्ति में लीन रही भगवान शिव की नगरी काशी

उमेश गुप्ता / वाराणसी
विश्वनाथ की नगरी काशी में उनके आराध्य भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। समूची काशी में हरे कृष्णा हरे रामा का भजन गूंज रहा है। शिव की नगरी काशी इस समय पूरी तरह से कृष्णमय हो गयी है।

काशी के मंदिरों में हर कोई कृष्ण भक्ति के रंग में रमा नजर आ रहा है। मंदिरों के अलावा कमिश्नरेट के थानों, जिला जेल में भी सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व की धूम दिखी। इस दौरान थानों व जेल को अत्यंत खूबसूरती से सजाया गया।
दूसरी सोमवार को भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी को बाजारों में रौनक दिखी। यहां लड्डू गोपाल के मुकुट, बांसुरी, पोशाक के साथ ही तरह-तरह के खिलौने की बाजार सजी रही। यहां खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई। लोग बाजार से करोंदा का पेड़, अशोक की पत्ती, बुरादा के साथ ही विभिन्न प्रकार के खिलौने व लड्डू गोपाल के पोषक मुकुट बांसुरी आदि खरीदते दिखे।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम स्थित मंदिर चौक में सांस्कृतिक संध्या का विशेष आयोजन किया गया। आज सोमवार इस पवन पर्व पर “श्री राधा कृष्ण लीला संस्थान, श्री धाम बरसाना, मथुरा” संस्था से पधारे कलाकारों द्वारा रासलीला कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति की गयी।

वाराणसी के लक्सा स्थित श्री श्याम मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही।यहां श्री श्याम मंडल की ओर से खाटू श्याम का जन्म उत्सव मनाया गया । श्याम प्रभु की रंग बिरंगे सुगंधित फूलों से अलौकिक झांकी सजाई गई मंदिर परिसर में खिलौनों से भगवान का स्वरूप सजाया गया और गुब्बारों फूलों और लाइटों से मंदिर परिसर को सजाया गया भजन संध्या में संकीर्तन किया गया। इसके बाद कलाकारों ने हारे हारे हारे हारे का तू है सहारा, यशोदा मैया से पूछे नंदलाला राधा क्यों गोरी कृष्ण क्यों काला आदि गीतों से दरबार में हाजिरी लगाई।

वहीं काशी हिंदू विश्वविद्यालय में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी अत्यंत हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। IIT-BHU में आज गोविंदा आला रे की धूम है। यहां पर छात्रों ने मटकी फोड़ जन्माष्टमी मनाई है। भगवान बाल कृष्ण को प्रिय माखन की मटकी फूटते ही चारों ओर राधे-राधे और जय श्री कृष्ण का जयघोष होने लगा। पिरामिड बनकर छात्रों ने ‘गोविंदा आला रे’ गाया। आज लड्डू गोपाल के जन्म से पहले ही IIT-BHU के राजपूताना हॉस्टल में आईआईटीएंस ने 25 फीट की ऊंचाई पर लटकी मटकी को फाेड़ा।

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