सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
पिछले साल सर्दियों में कई महीनों तक सूखे का सामना करने वाले कश्मीर में अब इसलिए दुआ के लिए हाथ उठ रहे हैं, ताकि और बारिश न हो। पहले ही दो दिनों की जबरदस्त बारिश कश्मीर में तबाही का मंजर दिखा चुकी है। हालांकि, यह मंजर 2014 की बाढ़ से कम ही था।
दरअसल, मौसम विभाग ने 6 और 7 मई को भी भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और कश्मीरी इससे चिंतित हो उठे हैं। अभी वे पिछले हफते की बारिश से होने वाले नुक्सान से नहीं उबर पाए हैं और यह भी सच है कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी, श्रीनगर केंद्र शासित प्रदेश का एकमात्र स्टेशन है, जहां पिछले दो महीनों में बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, क्योंकि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में इस साल 1 मार्च से सामान्य वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल सूखे के कारण वह जेहलम दरिया पूरी तरह से सूख गया था, जो अब हिल्लोरे मार रहा है।
उपलब्ध विवरण के अनुसार, एक मार्च से 1 मई की अवधि के दौरान 255.9 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले, जम्मू और कश्मीर में 278.8 मिमी वर्षा हुई। हालांकि, श्रीनगर एकमात्र ऐसा स्टेशन है, जहां इस अवधि के दौरान 211.1 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले बहुत अधिक वर्षा दर्ज की गई है, ग्रीष्मकालीन राजधानी में 01 मार्च, 2024 से 01 मई, 2024 तक 377 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। एयफोर्स स्टेशन पर 79 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। सामान्य वर्षा से कई प्रतिशत अधिक वर्षा।
यहां स्थानीय मौसम विभाग द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज़ के अनुसार, अनंतनाग, बडगाम, बांदीपोरा, बारामूला, गांदरबल, कुलगाम, कुपवाड़ा और पुलवामा सहित कश्मीर के आठ अन्य स्टेशनों पर अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है। अनंतनाग जिले में इस अवधि के दौरान 261.5 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 329.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि बडगाम में 197.1 मिमी की तुलना में 242.9 मिमी बारिश हुई है।
इसी अवधि के दौरान 206.8 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले, बांदीपोरा में 259.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। आंकड़े बताते हैं कि बारामुल्ला में 272.4 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 376.5 मिमी वर्षा हुई है। इस अवधि के दौरान गांदरबल में 242.1 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 304.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि कुलगाम में 316.1 मिमी की तुलना में 433.7 मिमी बारिश हुई।
इसी तरह से उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में 334.3 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 400.2 मिमी बारिश हुई है। पुलवामा में भी इस अवधि के दौरान सामान्य वर्षा 153.7 मिमी की तुलना में अधिक वर्षा दर्ज की गई है, इस अवधि के दौरान 185.2 मिमी दर्ज की गई है।
बहरहाल, भारी बारिश के साथ-साथ कई स्थानों पर बर्फबारी और ओलावृष्टि के बावजूद, शोपियां जिले में इस अवधि के दौरान सामान्य वर्षा 217.9 मिमी के मुकाबले कम वर्षा दर्ज की गई है, जबकि 1 मार्च से जिले में 102.7 मिमी बारिश हुई है।
इसी प्रकार जम्मू संभाग में पिछले दो महीनों में जम्मू, रियासी, उधमपुर, डोडा और राजौरी जैसे कई स्टेशनों पर इस अवधि के दौरान सामान्य वर्षा दर्ज की गई, जबकि सांबा जिले में इस अवधि के दौरान 22 प्रतिशत की कम वर्षा दर्ज की गई। जम्मू संभाग के कठुआ और पुंछ में पिछले दो महीनों में भारी कमी दर्ज की गई है, जबकि रामबन में इस अवधि के दौरान 36 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।
प्रासंगिक रूप से, जम्मू कश्मीर के हिस्सों में 27 अप्रैल से 29 अप्रैल तक लगातार तीन दिनों तक ताज़ा बर्फबारी और बारिश हुई, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, क्योंकि जल स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे सरकार को स्कूलों को बंद करने सहित कई निवारक उपाय करने पड़े।