हाल ही में एक्टर और फिल्म मेकर सतीश कौशिक की अचानक हुई मौत ने सबको हैरत में डाल दिया। इस गहरे सदमे से उनका परिवार उबर नहीं पा रहा है। सतीश के अंतिम समय में उनके मैनेजर संतोष राय उनके साथ थे। अब संतोष राय ने सतीश कौशिक के कुछ आखिरी पलों के बारे में बताया है। बुधवार की रात ८.३० बजे कौशिक ने डिनर खत्म किया। हमें ९ मार्च को सुबह ८.५० बजे की फ्लाइट से मुंबई लौटना था। उन्होंने मुझे कहा, ‘संतोष, जल्दी सो जाओ, हमें सुबह की फ्लाइट पकड़नी है। मैं बगल वाले कमरे में सोने चला गया। रात ११ बजे उन्होंने मुझे फोन किया व कहा, ‘संतोष, आ जाओ, मुझे अपना वाईफाई ठीक करना है क्योंकि मैं ‘कागज २’ (कौशिक के निर्देशन में बनी फिल्म जिसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है) देखना चाहता हूं। उन्होंने रात ११.३० बजे फिल्म देखना शुरू किया और मैंने वापस अपने कमरे में चला गया। रात करीब १२.०५ बजे उन्होंने जोर-जोर से मेरा नाम पुकारना शुरू कर दिया। मैं दौड़ा आया और पूछा, ‘क्या हुआ सर? क्यों चिल्ला रहे हो? आपने मुझे फोन क्यों नहीं किया?’ उन्होंने मुझसे कहा, ‘सुनो, मुझे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्लीज मुझे डॉक्टर के पास ले चलो। हम तुरंत कार की ओर गए। इस दौरान उनके ड्राइवर और बॉडीगार्ड भी हमारे साथ थे। संतोष ने बताया कि जैसे ही हम अस्पताल की ओर निकले तो उनके सीने में दर्द बढ़ गया और उन्होंने कहा, ‘जल्दी चलो अस्पताल।’ फिर उन्होंने अपना सिर मेरे कंधे पर रखा और कहा, ‘संतोष, मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो।’ उन्होंने मुझे पकड़ा और कहा, ‘मुझे वंशिका के लिए जीना है। मुझे लगता है, मैं नहीं बचूंगा। शशि और वंशिका का ख्याल रखना।’ हम आठ मिनट में अस्पताल (फोर्टिस अस्पताल) पहुंच गए क्योंकि शायद होली की वजह से सड़क खाली थी, लेकिन जब तक हम हॉस्पिटल के अंदर गए वे बेहोश हो चुके थे।