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लाखों में एक व्यक्ति को होने वाला दुर्लभ रोग केईएम ने किया दूर! … कई और जटिलताओं से जूझ रहा था मरीज

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई को केईएम अस्पताल के सितारे इस समय बुलंदी पर हैं। यह अस्पताल कुछ समय से एक के बाद एक कमाल कर रहा है। इसी क्रम में हाल ही में अस्पताल के चिकित्सकों ने एक मरीज के दिल में हुए दुर्लभ रोग को सर्जरी करके दूर कर दिया। इस जटिल रोग के साथ ही मरीज कई और जटिलताओं से जूझ रहा था। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि इस तरह की बीमारी एक लाख में से किसी एक को होती है। फिलहाल मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में रहनेवाले ५० वर्षीय पुरुष मरीज का मनपा के केईएम अस्पताल में हिप ज्वाइंट और सर्वाइकल स्पाइन की सर्जरी पहले से ही हो चुकी थी। स्पाइन सर्जरी के कारण वे गर्दन को घुमा नहीं पा रहे थे। इन सर्जरियों के चलते मरीज की शारीरिक गतिविधियां धीमी हो गई थीं। इसके साथ ही वह स्लिप एनीमिया से भी जूझ रहा था, जिसमें वह सांस सही तरीके से नहीं ले पा रहा था। इस बीमारी के चलते उसकी जीभ बहुत बड़ी हो गई थी। इसलिए उसे सोने में बहुत दिक्कत होती थी। इसी बीच पता चला कि मरीज दिल की दुर्लभ बीमारी एंकिया स्पॉन्डिलाइटिस नामक बीमारी से भी जूझ रहा था, जो दुर्लभ श्रेणी में आती है। ऐसे में बीमारियों को दूर करने के लिए मरीज की आयोस्टिक वाल रिप्लेसमेंट सर्जरी करनी थी। इसके लिए उसे पूरी तरह बेहोश करना था। जो काफी खतरनाक था। इसके अलावा दूसरा ट्रांस वैâथेटर वाल रिप्लेसमेंट था। जो न केवल खर्चीला था। बल्कि यह मरीज की उम्र के लिए भी सही नहीं भी नहीं था। क्योंकि इसमें जांघ से वैâथेटर डालते हैं। कुल मिलाकर मरीज की जल्द सर्जरी करना जरूरी हो गया था।
सर्जरी में था रिस्क
कार्डियक एनेस्थिया विभाग प्रमुख डॉ. संजीता उंबरकर ने कहा कि इस सर्जरी में रिस्क अधिक था, जिसे मरीज और उसके परिवार को बता दिया था। मरीज काफी सकारात्मक दिखाई दिया। इसके बाद डॉ. तान्या आठवले की मदद से सबसे पहले श्वास नलिका में छेद करते हुए बैब्रोस्टिक ब्रोनकोस्कोपी की मदद से आर्टिफिशियल एयरवे को स्टेबलिश्ड किया गया। इससे उबरने के बाद दिल की बीमारी को दूर करने का पैâसला लिया गया। इसके तहत सर्जन द्वारा पेरीफेरल बाईपास के बाद मेन बाईपास करने पर विचार किया गया। लेकिन एनेस्थीसिया देना रिस्की था, क्योंकि उसके वाल्व का विजन आदि नहीं कर सकते थे। उसकी तीसरी बार अस्पताल में सर्जरी होने जा रही थी। ऐसे में उसका एंजॉयटी बढ़ते जा रही थी फिर भी मरीज पॉजिटिव था।

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