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२६/११ आतंकी हमले के आरोपी राणा से पहले … हिंदुस्थान लाया गया खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल

• अर्श डल्ला का खास है गैंगस्टर अमृतपाल
• इंटरपोल की मदद से मिली बड़ी कामयाबी
• पंजाब के दो खतरनाक गैंगस्टर फिलीपींस से भारत डिपोर्ट

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
विदेश में बैठे खतरनाक गैंगस्टर अर्श डल्ला और कनाडा में गैंगस्टर दूनी के करीबी गैंगस्टर अमृतपाल को फिलीपींस से गिरफ्तार कर डिपोर्ट कर भारत लाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, गैंगस्टर अमृतपाल खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा हुआ है और गैंगस्टर अर्श डल्ला का काफी करीबी है। सूत्रों के मुताबिक, गैंगस्टर अर्श डल्ला का पूरा ऑपरेशन गैंगस्टर मनप्रीत और अमृतपाल फिलीपींस में बैठकर हैंडल कर रहे थे। गैंगस्टर अमृतपाल मोगा का रहने वाला बताया जाता है, जो लंबे समय से फिलीपींस में बैठकर अर्श डल्ला के गिरोह का संचालन कर रहा था। इसके इशारे पर पंजाब में कई खूनी वारदातों को अंजाम दिया गया। इंटरपोल और सेंट्रल एजेंसी और इंटरनेशनल एजेंसियों की मदद से भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली एयरपोर्ट पर आते ही एनआईए ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक खालिस्तान समर्थक आतंकी अर्श डल्ला का सारा ऑपरेशन फिलीपींस में बैठकर गैंगस्टर मनप्रीत और अमृतपाल सिंह हेयर ही संभाल रहे थे। इस गिरफ्तारी के बाद खालिस्तान समर्थकों के बीच एक बार फिर सरकार की कार्रवाइयों का डर सताने लगा है।
पंजाब में कई खूनी वारदात को दिया था अंजाम
अमृतपाल सिंह हेयर मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले का रहने वाला है, जो लंबे वक्त से फिलीपींस में मौजूद था और उसके इशारे पर पंजाब में कई खूनी वारदातों को अंजाम भी दिया। बता दें कि अर्श डल्ला को भी इसी साल गृह मंत्रालय ने आतंकी घोषित किया था। उसका असली नाम अर्शदीप सिंह गिल है। अर्श डल्ला पंजाब पुलिस के मोस्टवांटेड अपराधियों में से एक है। साल २०२० में वह अपने एक साथी सुखा की हत्या कर कनाडा भाग गया था। इसके बाद उसने अपने संपर्क पाकिस्तान सहित कई देशों में बनाए। अर्शदीप कनाडा में बैठे हरदीप सिंह निज्जर का करीबी भी है। मई २०२२ में अर्शदीप के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस की जांच में सामने आया है कि वह फिरौती, हत्या और अन्य आतंकी अपराधों में शामिल गैंगस्रों का नेटवर्क चलाता था।
भारतीय एजेंसियों के निशाने पर हैं देश विरोधी
बीते दिनों भगोड़े खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के बाहर सिख आतंकी संगठनों ने काफी उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय तिरंगे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी। इस घटना पर भारत सरकार ने कड़ा रोष जताया था, वहीं गृह मंत्रालय ने इस घटना में शामिल होने वाले भारतीयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का पैâसला लिया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक केस भी दर्ज किया है।
इससे पहले बीते बुधवार को एनआईए ने पुलिस से सहयोग से आतंकी-गैंगस्टर व नशा तस्कर गठजोड़ के खिलाफ बुधवार को पंजाब, हरियाणा सहित नौ राज्यों में ऑपरेशन ध्वस्त चलाया था। विदेश और जेलों में बंद गैंगस्टरों को एनआईए ने हिरासत में लिया है। पकड़े गए आरोपियों में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ भिवानी निवासी प्रवीन वधवा, दिल्ली निवासी इरफान और मोग्गा निवासी जस्सा सिंह शामिल हैं।

मार्च में गिरफ्तार हुए थे तीन संदिग्ध
बता दें कि इसी साल मार्च के महीने में फिलीपींस सरकार की एजेंसियों ने इंटरपोल की वॉचलिस्ट में शामिल सिख कट्टरपंथी संगठन के तीन संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया था। मध्य फिलीपींस के शहर इलोइलो से गिरफ्तार हुए सिख कट्टरपंथी संगठन के तीनों सदस्य भारतीय नागरिक बताए गए थे। तीनों संदिग्धों की पहचान मनप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह और अर्शदीप सिंह के तौर पर हुई थी। इन्हीं में से एक अमृतपाल सिंह को भारत लाया गया है। फिलीपींस में गिरफ्तार किए गए सभी खालिस्तान समर्थक आतंकी खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़े हुए हैं।

७८ खालिस्तानी समर्थकों की हो चुकी है गिरफ्तारी
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े ७८ समर्थकों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। खालिस्तानी समर्थकों पर शिकंजा कसना शुरू होते ही बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया गया। इसमें अब तक उससे जुड़े ७८ लोगों को गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं कई अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया था। `वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह के साथ ही उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। इसमें अब तक ७८ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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