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१० लाख जुर्माना भरकर किया १७७ पेड़ों का कत्ल! … पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मेट्रो-३ लाइन के लिए आरे कॉलोनी में कारशेड बनाने के काम में वृक्षों का बेरहमी से कत्ल किया जा रहा है। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) ने सोमवार की सुबह आरे कॉलोनी में १७७ पेड़ों का कत्ल कर डाला। इसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों में काफी आक्रोश है। पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि कुल १७७ पेड़ों की कटाई की गई है।
आरे बचाओ संघर्ष समिति के अनुसार, पुलिस की कड़ी सुरक्षा में सोमवार की सुबह पांच बजे आरे में पेड़ काटे गए। याचिकाकर्ताओं ने इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि एमएमआरसी द्वारा १७७ से अधिक पेड़ों को काट दिया गया है। मेट्रो-३ के निर्माण के लिए आरे में पेड़ों को काटने का मामला शुरू से ही एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। पर्यावरणविद और आरे के निवासी आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ हैं। लेकिन एमएमआरसी कोर्ट से इजाजत लेकर पेड़ों को काटने का अपना मकसद पूरा करती नजर आ रही है। वर्ष २०१९ में एमएमआरसी ने कोर्ट की अनुमति के बाद रात में पेड़ काटने की कार्रवाई की थी। इसका पर्यावरणविदों ने जोरदार विरोध किया था।‌ महाविकास आघाड़ी सरकार ने आरे के जंगल को बचाए रखने के लिए कांजुरमार्ग में मेट्रो कारशेड बनाने का बेहतरीन विकल्प दिया था। लेकिन सरकार बदलने के बाद शिंदे-फडणीस ने आरे में कारशेड बनाने के अपने पुराने पैâसले को बरकरार रखा।‌
८४ पेड़ की मांगी थी अनुमति
एमएमआरसी ने सुप्रीम कोर्ट से यह कहते हुए अनुमति मांगी थी कि सारिपुट नगर से आरे कारशेड तक मेट्रो ट्रेनों को चलाने के लिए आरे में ८४ पेड़ों को काटने की जरूरत है। कोर्ट ने इसकी अनुमति दी। लेकिन एमएमआरसी ने ८४ के बजाय १७७ पेड़ काटने का प्रस्ताव मुंबई मनपा वृक्ष प्राधिकरण को सौंपा। इस पर आपत्ति जताते हुए आरे बचाओ के कार्यकर्ताओं और आरे के प्रभावित परिवारों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने एमएमआरसी के १७७ पेड़ काटने के प्रस्ताव पर नाराजगी जताई, क्योंकि उसे ८४ पेड़ काटने की इजाजत दी गई थी। अदालत ने एमएमआरसी पर १० लाख का जुर्माना लगाते हुए १७७ पेड़ काटने की अनुमति दे दी थी। बताया गया कि इसी अनुमति के तहत कल सुबह पेड़ों को काटा गया।

 

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