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केपी ने खड़े किए कान, कराहने लगा स्वास्थ्य विभाग … बारिश में महामारी फैलने की आशंका

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में मेघराज चमक और गरज के साथ बरस रहे हैं। ऐसे में अब डेंगू और मलेरिया के साथ ही अन्य मौसमी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसी में कोरोना का म्यूटेड वेरिएंट केपी.२ भी लोगों को टेंशन देने लगा है। पूरे राज्य भर में कल तक इस वेरिएंट के मामले बढ़कर १५० पर पहुंच गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पुणे और ठाणे में इसके सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही यह वेरिएंट राज्य के १० जिलों में पहुंच चुका है। केपी ने शिंदे सरकार के कान इस कदर खड़े कर दिए हैं कि स्वास्थ्य विभाग कराहने लगा है। दूसरी तरफ इसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोई खास तैयारी नहीं की है, जिसके कारण बारिश में इस महामारी के पैâलने की आशंका जताई गई है।
महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना वायरस का म्यूटेंट वेरिएंट केपी.२ डराने लगा है। यह नया सब-वैरिएंट जेएन-१ से संबंधित है, जो दुनिया के साथ ही अब महाराष्ट्र को डरा रहा है। राज्य में अब तक इसके कुल १५० मामले मिल चुके हैं। इसके मामले बारिश में और बढ़ने का अनुमान है। दूसरी तरफ चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक केपी.२ सब वैरिएंट ओमॉयक्रॉन से भी ज्यादा रफ्तार से पैâलता है।
पाए गए मामले
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पुणे में सर्वाधिक ७२ और इसके बाद ठाणे में ५२ मामले मिले हैं। इसके साथ ही अमरावती में ७, छत्रपति संभाजीनगर में ७, नासिक में ५, सोलापुर में २, नगर, लातूर, सांगली और कोल्हापुर में क्रमश: एक-एक मरीज मिले हैं। इस वजह से कोरोना की भयावह मार झेल चुके महाराष्ट्र में टेंशन बढ़ गया है। जानकारों की मानें तो इस वैरिएंट का पहली बार पता जनवरी में लगा था।
जनवरी में मिले थे केस
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र में जनवरी महीने में कोरोना के केपी.२ वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले थे। मार्च और अप्रैल तक यह सब वैरिएंट प्रमुख तौर पर लोगों को संक्रमित करने लगा। राज्य में कोरोना मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई थी, लेकिन मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर मामलों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई।
घबराने की नहीं है जरुरत
जेजे अस्पताल में प्रोफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड़ ने कहा कि इस वैरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। इसका अधिक खतरा डायबीटिज, हाइपरटेंशन, वैंâसर के अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक है। इसलिए इससे बचने के लिए लोगों को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की जरूरत है।

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