• कम नींद से हो सकता है हृदयाघात
• स्वीडन की शोध में हुआ खुलासा
सामना संवाददाता / मुंबई
अधूरी नींद केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि पिछले कई अध्ययनों से पता चला है कि रात में पर्याप्त नींद नहीं लेने से तनाव और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। अब एक नए शोध में दावा किया गया है कि रात में पांच घंटे से कम नींद लेने से केवल पैरों को रक्त की आपूर्ति करने वाली न सिर्फ धमनियां बंद हो जाती हैं, बल्कि शोध में यह भी दावा किया गया है कि रात में नींद कम लेने से इंसान के दिल की धड़कन भी रुक सकती है।
उल्लेखनीय है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार, व्यायाम, वजन घटाने और पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है। अच्छी नींद समग्र स्वास्थ्य जैसे वजन, रक्तचाप, रक्त शर्करा, मस्तिष्क स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। पिछले साल जून में अमेरिकन हर्ट एसोसिएशन ने कार्डियोवैस्कुलर बीमारी को रोकने के लिए अच्छी स्वास्थ्य आदतों की सूची में पर्याप्त नींद शामिल की थी। हालिया शोध में बताया गया है कि रात में नींद की कमी के चलते स्ट्रोक और हृदय रोग का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
बड़े पैमाने पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि पांच घंटे से कम नींद लेने से पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का खतरा ७४ प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पीएडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इसमें बताया गया है कि रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रक्त मस्तिष्क से पैरों तक जाता है। अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी से पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं से संबंधित रोग हो सकते हैं।
दुनिया में २० करोड़ लोग बीमारी के शिकार
स्वीडन के वैâरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. शुई युआन के मुताबिक, अध्ययन से पता चला है कि प्रतिदिन सात से आठ घंटे की नींद पीएडी के जोखिम को काफी कम कर देती है। इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया में करीब २० करोड़ लोग पीएडी बीमारी से पीड़ित हैं। डॉ. शुई युआन ने कहा कि पीएडी के मरीजों में नींद की समस्या बहुत आम है।
अध्ययन में शामिल हुए ६.५० लाख लोग
इस अध्ययन में ६.५० लाख लोगों को शामिल किया गया था। इसे दो भागों में बांटा गया था। पहले भाग में शोधकर्ताओं ने अध्ययन प्रतिभागियों के बीच दिन की नींद और कुल रात की नींद का माप लिया। साथ ही यह भी नोट किया गया कि किन लोगों को पीएडी का खतरा है।
नींद की कमी से हो रही पीएडी
एक वेबसाइट के अनुसार, अध्ययन में बताया गया है कि पहला कारण पैâटी प्लाक है, जिसका मतलब वसा से बना एक चिपचिपा बिल्डअप है जो धमनियों में बनना शुरू हो जाता है। इसे चिकित्सकीय रूप से एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कम नींद के कारण होने वाली कोरोनरी आर्टरी डिजीज के बारे में पहले से ही जानते थे। लेकिन यह जानकारी पहली बार सामने आई है, जब पीएडी नींद की कमी के कारण हो रही है।