• यूबीएस और सुइस के मर्जर से हिंदुस्थान पर भी पड़ेगा असर
रामदिनेश यादव / मुंबई
देश में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार रोजगार सृजन के मामले में कारगर उपाय करने में असफल साबित हो रही है। एक तरफ जहां नए रोजगार सृजन की गुंजाइश न्यूनतम स्तर पर है, वहीं आईटी सेक्टर में लाखों युवा बेरोजगारी की कगार पर हैं। पिछले कुछ महीनों में आईटी सेक्टर के देश में लगभग एक लाख युवा बेरोजगार हुए हैं। इतना ही नहीं यूबीएस और सुइस बैंक के मर्जर से भी फाइनेंशियल टेक्नो हब इंडिया को झटका लग सकता है। मोदी सरकार देश में भले रोजगार पैदा करने को लेकर रोज नए-नए दावे घोषित करे, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।
ईपीएफओ में ७.५ प्रतिशत की गिरावट
सरकारी आंकड़ों की मानें तो इस वर्ष की पहली तिमाही में नए रोजगार सृजन की रिपोर्ट पिछले २० महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस वर्ष जनवरी माह में रोजगार सृजन का आंकड़ा अपने २० माह के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे रोजगार के बाजार पर दबाव के संकेत मिलते हैं। एक दिन पहले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। ईपीएफ में नए मासिक सदस्यों की संख्या दिसंबर के ८,४०,३७४ से ७.५ प्रतिशत घटकर जनवरी में ७,७७,२३२ रह गई। फरवरी में यह आंकड़ा ५ प्रतिशत और गिर गया है। ईपीएफ में शामिल होनेवाले नए सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष मई २०२१ के बाद सबसे कम संख्या है। मई में महज ६,४९,६१८ सदस्यों ने नए पंजीकरण किए थे।
क्या बोले मेटा के सीईओ
पिछले हफ्ते मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने आनेवाले महीनों में नौकरी में कटौती को लेकर १०० हजार कर्मचारियों को हटाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर के लिए यह बुरा दौर है। ऐसे समय में सभी को संभलकर आगे बढ़ना होगा।
जल्द हो सकती है जॉब कट की घोषणा
दुनिया में इन दिनों मंदी का दौर शुरू है और दुनिया के फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी सर्विसेस की हालत खराब है। ऐसे में हिंदुस्थान में भी इसका असर होने की पूरी संभावना है। गत दिनों स्विटजरलैंड के दो प्रमुख बैंकों यूबीएस और क्रेडिट सुइस के बीच हुआ सौदा हिंदुस्थान में नौकरियों पर प्रभाव डाल सकता है। कइयों की नौकरियां आर्थिक संकट के चलते जा सकती हैं। रिपोर्ट की मानें तो हिंदुस्थान में इन बैंकों के टेक्नोलॉजी बैक ऑफिस में जल्द ही जॉब कट की घोषणा हो सकती है। इन बैंकों के कार्यालय में लगभग २० हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों स्विस बैंक मर्जर के बाद अपने अलग-अलग दफ्तरों को भी मर्ज करेंगे और कई हजार कर्मचारियों की छंटनी होगी। यूबीएस और क्रेडिट सुईस के टेक्नोलॉजी सेंटर हिंदुस्थान के तीन शहरों में हैं। प्रत्येक दफ्तर में लगभग ७,००० लोग काम करते हैं। विलय के बाद इन शहरों में कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है।
आईटी सेक्टर के लिए बुरा दौर
आईटी सेक्टर में लाखों की संख्या में कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गवां दी है। जानकारों की मानें तो ५०० से ज्यादा आईटी कंपनियों ने इस साल अब तक लगभग १.५ लाख कर्मचारियों को निकाल दिया है। इनमें लगभग एक लाख भारतीय लोग बेरोजगार हुए हैं। इस मामले की जानकारी लेऑफ.एफवाईआई वेबसाइट के लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई है। कुल ५०३ तकनीकी कंपनियों ने अब तक १,४८,१६५ कर्मचारियों की छंटनी की है। पिछले वर्ष से लेकर अब तक १,०४६ टेक कंपनियों ने १.६१ लाख से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है। इस वर्ष सिर्फ जनवरी में लगभग १ लाख तकनीकी कर्मचारियों ने वैश्विक स्तर पर नौकरी खो दी। अमेजन ने दो बार में २७ हजार से भी ज्यादा कर्मचारियों को निकाला है। अमेजन के अलावा माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, सेल्सफोर्स जैसी अन्य कंपनियों ने भी छंटनी की है।