जितेंद्र मल्लाह / मुंबई
सिग्नल पर, सड़क किनारे या पार्किंग में खड़े रहने के दौरान यदि कोई आपकी कार के शीशे पर दस्तक दे और कार के नीचे रुपए गिरे होने, धुआं निकलने या फिर टायर पंचर होने की बात कहकर आपका ध्यान बंटाने का प्रयास करे तो सावधान हो जाएं। `टक-टक’ गैंग आपके आस-पास हो सकता है। साकीनाका पुलिस थाने की हद में ६ जुलाई को इसी तरह की एक घटना घटी थी, जिसमें ठगों ने रु. १० का नोट कार के नीचे फेंक कर कार में रखे रु.५० हजार के लैपटॉप एवं दूसरे कीमती इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों पर हाथ साफ कर दिया था।
डीसीपी दत्ता नलावडे व साकीनाका पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गबाजी चिमटे के मार्गदर्शन तथा पीआई (क्राइम) योगेश शिंदे के नेतृत्व में एपीआई वाल्मिकी कोरे (डीओ) की टीम ने जांच के बाद दो आरोपियों को वङ्कोश्वरी क्षेत्र से हिरासत में लिया था। उक्त दोनों आरोपी तमिलनाडू से मुंबई आए शातिर चोरों के एक गिरोह के सदस्य हैं।
घेर कर बनाते थे शिकार
पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह के सदस्य सड़क के किनारे अथवा पार्किंग में कार खड़ी करके आराम करने या फिर किसी का इंतजार करने वाले वाहन चालकों को निशाना बनाते थे। गिरोह के कुछ सदस्य कार के चारों तरफ छिप जाते थे, जबकि एक सदस्य कार के नीचे १०-२०-५० रुपए फेंकता था और फिर कार के शीशे पर `टक-टक’ की दस्तक देकर चालक का ध्यान कार के नीचे गिरे पैसे की ओर आकर्षित करता था। झांसे में फंसा ड्रायवर जैसे ही लालच में पड़ कर कार के नीचे गिरा रुपया उठाने का प्रयास करता था, गिरोह के दूसरे सदस्य दूसरी तरफ से कार में रखे बैग, लैपटॉप, मोबाइल फोन आदि पर हाथ साफ कर देते थे।