मुख्यपृष्ठनए समाचारकोस्टल रोड की दुर्दशा को लेकर मुंबईकरों ने घाती सरकार को लताड़ा!

कोस्टल रोड की दुर्दशा को लेकर मुंबईकरों ने घाती सरकार को लताड़ा!

-कहा- क्या यह हमारे बुनियादी ढांचे का भविष्य है?
-सरकार पूरी तरह से लापरवाह है, कोई जवाबदेही नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई 
मुंबई में शुरू कोस्टल रोड परियोजना शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की बहुप्रतीक्षित योजना थी, लेकिन जब से ‘घाती’ सरकार राज्य में आई, तब से इस योजना के बारह बज गए हैं। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कोस्टल रोड पर जगह-जगह दरारें दिखाई दे रही हैं। अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए दरारों पर आनन-फानन में पैच लगा दिए गए हैं। हालांकि, जब इसका वीडियो वायरल हुआ तब घाती सरकार की हकीकत सामने आ गई, जिसके बाद मुंबईकरों ने कोस्टल रोड की गुणवत्ता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया। इसे लेकर लोगों ने घाती सरकार को लताड़ भी लगाई है। बता दें कि कोस्टल रोड और बांद्रा वर्ली सी लिंक के बीच कनेक्टर का काम अंतिम चरण में है।
बताया जाता है कि महालक्ष्मी से वर्ली तक कई जगहों पर दरारों को मैस्टिक पैच से भरा गया है, जिससे यह तटीय सड़क ऊबड़-खाबड़ हो गई है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। नवनिर्मित कोस्टल रोड की ऐसी दुर्दशा को देखकर लोग बौखला गए हैं। कई नेटिजन्स ने अधिकारियों के प्रति निराशा व्यक्त की। एक नेटिजन्स ने कहा कि मुंबई अरबों की लागत की कोस्टल रोड परियोजना में पहले से ही दरारें और पैच दिखाई दे रहे हैं! क्या यह हमारे बुनियादी ढांचे का भविष्य है? वहीं एक और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने बाद में पोस्ट में कहा कि हमें एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है। सरकार पूरी तरह से लापरवाह है। कोई जवाबदेही नहीं है। यही नहीं सामाजिक कार्यकर्ता जोरू बाथेना ने कहा कि उन्होंने चौपाटी और वर्ली के बीच यात्रा करते समय भी यही देखा था। १०.५ किलोमीटर लंबे इस हिस्से की लागत १३,९८३ करोड़ रुपए है, यह परियोजना अक्टूबर २०१८ में शुरू हुई थी। इस परियोजना को लेकर वैसे ही काफी देरी हो चुकी है। कोस्टल रोड का पहला चरण मार्च २०२४ में यातायात के लिए खोला गया था, जबकि दूसरा जुलाई में चालू हुआ है।

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