सामना संवाददाता / महराजगंज
सीमावर्ती देश नेपाल से सटे हुए यूपी के महराजगंज जिले में तेंदुए व अन्य हिंसक जानवर जंगलों को छोड़ भोजन की तलाश में इंसानी आबादी की ओर भाग रहे हैं। सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के निचलौल व मधवलिया वन्य क्षेत्र के जंगलों के सीमावर्ती गांव में भोजन की तलाश में तेंदुए शिकार करने गांव में पहुंच जा रहे हैं। गांव में तेंदुओं के बार-बार पहुंचने से लोगों में भय व्याप्त है। जंगल से सटे गांव में तेंदुओं के पहुंचने और उनके हमले की घटना पहली बार नहीं हुआ है। बीते दो वर्षों में कई बार तेंदुओं ने गांव के समीप दिखने और हमले की घटना कई बार हो चुकी है, जिससे वन विभाग तेंदुए के शिकार करने में हमले की बात कहता है। लेकिन बार-बार जंगल के सीमावर्ती गांव के इलाकों में हिंसक जानवरों के पहुंचने पर हमले के बाद लोगों में काफी भय बना हुआ है। जंगल से सटे गांव के लोग किसी तरह अपना जीवन बसर कर रहे हैं। उन्हें हमेशा डर बना हुआ है कि जंगली जानवर आकर हमला न कर दें। वह हमेशा भयभीत रहते हैं। जंगलों के पास घर होने के कारण जीने के लिए मजबूर हैं। गुरुवार की रात कलनहीं के पास एक तेंदुए ने घर जा रहे पिता और पुत्री पर हमला कर दिया, जिसमें गुड़िया के पैर पर तेंदुए ने पंजा मारा, उसके पिता ने उसकी जान बचाई और उसे गांव की तरफ लेकर भागा। बाद में तेंदुए के चले जाने के बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया, जहां डॉक्टरों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया है।
क्षेत्र में यह हो चुकी हैं घटनाएं
पहली घटना
13 जुलाई 2021 निचलौल रेंज के ग्राम पैकौली कला के टोला बड़ाहरा फॉर्म में जंगल से भोर में निकलकर आए तेंदुए ने एक बछड़े पर हमला कर दिया और मारकर उसके ऊपर बैठ गया। बछड़े के चिल्लाने की आवाज को सुनकर आस-पास के गांव के लोगों ने लाठी-डंडा लेकर शोर मचाया, जिसके पास तेंदुआ घायल बछड़े को छोड़कर गन्ने के खेत में छिप गया और रात होने पर जंगल की तरफ भाग गया।
घटना दो
20 अक्टूबर 2021 को निचलौल रेंज के ही ग्रामसभा बड़हरा चरगहां के स्थान टोला निवासी रुस्तम खान प्रतिदिन की तरह शाम को अपने बकरियों को झोपड़ी में बांधकर घर में सो रहे थे। उसी दौरान जंगल से आए तेंदुआ छलांग लगाकर झोपड़ी के अंदर घुस गया और उसमें बांधी गई चार बकरियों को अपना शिकार बना लिया। झोपड़ी के अंदर से बकरियों को लेकर निकलने की जगह न होने के कारण तेंदुआ मृत बकरियों को वहीं छोड़कर जंगल की तरफ भाग गया।
घटना नंबर चार
जनवरी 2022 को सोहगीबरवां वन्य जीव प्रभाग के रामचंद्रहीं गांव के बीच जंगल से एक तेंदुआ सूअर का पीछा करते-करते गांव के समीप सब्जी के क्षेत्र में चला आया। शिकार करने में असफल तेंदुए को ग्रामीणों ने टार्च जलाकर रोशनी की और शोर मचाया, तब जाकर तेंदुआ गन्ने की खेत की तरफ चला गया। गांव में बार-बार तेंदुए के आने से ग्रामीण भयभीत रहे ।
चार जुलाई 2023 को मधवलिया जंगल से तेंदुआ अपने शावक के साथ गांव में चला आया और राम अवध के घर के पास से कुत्ते का शिकार बना लिया। उसे अपने मुंह में दबाकर चंदन नदी के पास झाड़ी में छिप गया। रात के अंधेरे में वह जंगल की तरफ चला गया।
छह जुलाई 2023 के दिन शुक्रवार रात नौ बजे डोमा निवासी कलनहीं के पास गफ्फार अपनी बेटी को गुड़िया को लेकर घर जा रहा था, तभी पुल पर तेंदुआ हमला कर दिया, जिसमें गुड़िया के पैर पर तेंदुए ने पंजा मारा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। बेटी को बचाने के लिए गफ्फार गांव की तरफ भागा। तेंदुए के चले जाने के बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। जंगल के सीमावर्ती गांव में तेंदुआ के आने से ग्रामीण भयभीत हैं।
घटना सात
18 फरवरी को सोहट गांव में रविवार को शिकारियों के द्वारा लगाए गए जाल में तेंदुआ फंस गया था, जिससे लोगों में भय फैल गया था और लोग भयभीत हो गए थे। ग्रामीण व स्थानिय वन कर्मी मौके पर पहुंचकर उसे पकड़ा, वहीं वन विभाग के तरफ से गोरखपुर चिड़ियाघर के डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने तेंदुए को सुई लगाकर बेहोश करने के बाद तेंदुए को जंगल में छोड़ा गया था।
घटना आठ
सोमवार को सुबह तेंदुए ने पहले कुत्ते का शिकार किया। उसके बाद दो लोगों मोतीचंद व त्रिवेणी पर हमला किया, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें से मोतीचंद को डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
वन क्षेत्राधिकारी
निचलौल सुनील कुमार राव ने कहा कि जंगली जानवर अपने परिक्षेत्र जंगल में ही रहते हैं। कभी-कभी भटक कर गांव की तरफ चले आते हैं। जंगल से सटे सभी गांव के लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। यदि कोई जानवर गांव में चला आता है तो लोग उसे घेराबंदी न करें, उसे उसके परिक्षेत्र जंगल में जाने का रास्ता दें। वन विभाग की टीम लगी हुई है कि कोई भी जानवर जंगल से भटक कर गांव में न जाए। गांव के लोग रात के अंधेरे में अकेले न निकलें।