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मुंबई में बढ़े लेप्टो के मरीज

जुलाई के मध्य से ही मुंबई में लगातार बारिश हो रही है। मुंबई में पिछले तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई बीमारियां भी सिर उठा रही हैं। सामने आया है कि मुंबई में लेप्टो मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले माह जून में लेप्टोस्पायरोसिस के २८ मामले सामने आए थे, जबकि जुलाई के पहले पखवाड़े में मामलों की संख्या ५२ तक पहुंच गई है। लेप्टोस्पायरोसिस के मरीजों का इलाज मनपा अस्पतालों में किया जा रहा है। हर साल जुलाई के महीने में मुंबई में भारी बारिश होती है, इसलिए इस दौरान मलेरिया, डेंगू और लेप्टो के मामले पाए जाते हैं। इन मरीजों को लेप्टो निवारक दवा दी गई है। मुंबई के निचले इलाकों में पानी जमा हो जाता है, और जैसे ही यह पानी चूहों के बिलों में जाता है तो चूहे बिल से बाहर आ जाते हैं। फिर उनका मल रुके हुए पानी में मिल जाता है। शरीर पर कोई घाव होने और घाव के दूषित पानी के संपर्क में आना, लेप्टोस्पायरोसिस का कारण बनता है। इसलिए चिकित्सा अधिकारियों ने लोगों के ज्यादा देर तक रुके हुए पानी में न रहने की सलाह दी है। लेप्टोस्पायरोसिस का उद्भवनकाल (इनक्यूबेशन पीरियड) दो दिन से लेकर चार सप्ताह तक हो सकता है।

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