मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासंपादक के नाम पत्र... प्रशासन की अनदेखी...उल्हासनगर की सड़कें पानी-पानी

संपादक के नाम पत्र… प्रशासन की अनदेखी…उल्हासनगर की सड़कें पानी-पानी

आज प्रशासन की अनदेखी के चलते उल्हासनगर की सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है। हर साल की बारिश में यहां की सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। लेकिन इसके बावजूद मानसून से पहले इसके लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की जाती। मानसून पूर्व मनपा अधिकारियों के किए बड़े-बड़े दावों की पोल हर बारिश में खुल जाती है और उल्हासनगरवासियों को हर साल ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है या कहें यूं ही इन मुसीबतों को मजबूरी में सहना पड़ता है। उल्हासनगर शहर की दशा एकदम निराली है। गड्ढे तो गड्ढे अब कई जगहों पर पानी जमा है। जिसकी वजह से आम लोगों का सड़क पर चलना-फिरना मुश्किल-सा हो गया है। उस सड़क पर आने जानेवाले वाहन चालकों को बड़ी मशक्कत उठानी पड़ती है। प्रत्यक्ष देखा जा सकता है उल्हासनगर रेलवे स्टेशन से शिवाजी चौक मार्ग पर स्वर्गीय ठाकुर बहरानी की दुकान से थोड़ा आगे मनपा विद्यालय के समीप, फारवर लाइन उल्हासनगर तीन लक्ष्मी टी सेंटर के सामने, बालकनजी बारी के पास, चंदन फोटो स्टूडियो, शहाड उड़ान पुल के समीप केटकेश्वर मंदिर के समीप, उल्हासनगर तीन महाराजा हॉल के सामने से दशहरा मैदान की तरफ जानेवाले टी मार्ग पर पानी जमा रहता है। उल्हासनगर एक भारत चौक पर भी पानी जमा रहता है। ऐसी तमाम जगहों पर जमा पानी को साइड में बनी नाली में छोड़ने की जरूरत है, जो कि नहीं किया जा रहा है। मनपा के आला अधिकारियों को शहर में पैदल घूमकर स्थिति का जायजा लेना चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। आज आयुक्त, अतरिक्त आयुक्त, सहायक स्वछता उपायुक्त, उपायुक्त, मुख्य स्वच्छता निरीक्षक, निरीक्षक को कार्यालय छोड़कर बाहर निकलने की जरूरत है। सामूहिक रूप से सड़क के किनारे जमा पानी, कीचड़ को साफ कर नाली के निकास, मार्ग को खोलने की जरूरत है। यह तभी संभव हो सकता है जब अधिकारी खुद पैदल सड़क का दौरा करें।
-महेंद्र यादव, उल्हासनगर

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