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संपादक के नाम पत्र: फर्स्ट क्लास के डिब्बे में सामान ले जाने पर लगे रोक

अक्सर देखा गया है कि पीक ऑवर में जहां ट्रेन में घुसने की जगह नहीं मिलती वहीं कुछ लोग भारी सामान लेकर डिब्बे में बैठ जाते हैं, जिससे अन्य यात्रियों को अच्छी खासी परेशानी उठानी पड़ती है। यह लोग बीच में ही अपना सामान रख देते हैं और यह भी नहीं सोचते हैं कि बाकी लोग यहां से वैâसे जाएंगे? कुछ बोलने पर ये लोग तुरंत झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। इन लोगों को लगेज के डिब्बे में जाना चाहिए, लेकिन यात्रियों वाले डिब्बे में ही बैठते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला सीएसटी-कर्जत ट्रेन में, जहां फर्स्ट क्लास के डिब्बे में कुछ लोग फूल से भरा बड़ा थैला लेकर चढ़ गए। इन्होंने इस थैले को बीच में ही रख दिया था, जिससे ट्रेन में बैठे अन्य लोगों की परेशानी बढ़ गई थी। बता दें कि जहां छह-सात लोग खड़े हो सकते थे, उस जगह को थैले ने घेर रखी थी। गलती से भी यदि इन महाशय के थैले पर किसी का पैर लगता तो ये आगबबूला हो जाते थे। रोजाना काम-धंधे पर जानेवाले लोग चुपचाप खड़े हो गए। इससे पहले भी ऐसा वाकया कई बार देखा जा चुका है। मेरी रेल प्रशासन से विनती है कि यात्री डिब्बों में सामान लेकर जानेवाले ऐसे यात्रियों पर कृपया फाइन लगाएं, ताकि अगली बार वे लगेज के डिब्बे में ही यात्रा करें, सामान्य डिब्बे में नहीं। जिस तरह लगेज डिब्बे में बिना सामान वाले यात्रियों से जुर्माना वसूला जाता है, ठीक उसी तरह जुर्माना इन पर भी लगाया जाना चाहिए। तब जाकर ये लोग सुधरेंगे, अन्यथा इसी प्रकार हरकत करते रहेंगे।
-कमलेश जैन, दादर

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